सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Varanasi News ›   Varanasi Weather 17.6 mm rain one and half hours drizzle at many places waterlogging

Varanasi Weather: वाराणसी में डेढ़ घंटे में 17.6 मिमी बारिश, कई जगह बूंदाबांदी; कहीं जलभराव-कहीं सड़कें सूखी

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sat, 30 Aug 2025 12:59 PM IST
विज्ञापन
सार

वाराणसी में बादलों की आवाजाही जारी है। धूप-छांव के बीच कहीं-कहीं बारिश भी हुई। इस कारण उन इलाकों में जलभराव की समस्या बनी रही। माैसम विभाग ने 4-5 दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।

Varanasi Weather 17.6 mm rain one and half hours drizzle at many places waterlogging
बारिश का उठाया लुत्फ। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

Varanasi News: पांच दिन की कड़ी धूप और उमस भरी गर्मी के बाद शुक्रवार दोपहर को मौसम बदल गया। बीएचयू और आसपास के इलाकों में करीब डेढ़ घंटे में 17.6 मिलीमीटर बारिश हुई। अस्सी, लंका, बीएचयू, सुंदरपुर और सामनेघाट इलाकों में जोरदार बारिश से कुछ देर के लिए जलभराव जैसी स्थिति बन गई। वहीं, मैदागिन, गौदोलिया, सिगरा, कैंट समेत बाबतपुर इलाकों की ओर हल्की-फुल्की बौछार वाली बरसात हुई। 

loader
Trending Videos


कहीं-कहीं तो सड़कें सूखी रहीं। बनारस में दोपहर दो बजे तक तीव्र धूप ने हलकान कर दिया। उमस से लोग बेहाल हो गए। इसके बाद अचानक से बादल छाने लगे और जोरदार बारिश हो गई। शुक्रवार को वाराणसी का अधिकतम तापमान सामान्य से 0.7 डिग्री ज्यादा 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
विज्ञापन
विज्ञापन


वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री कम 28 डिग्री सेल्सियस तक आया। हवा में नमी 90 फीसदी से ऊपर चली गई। पूरब से 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा भी चली। बारिश का पूर्वानुमान जारी, अलर्ट नहीं : मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बनारस में बारिश की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई है। हालांकि 4-5 दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है। 

मानसून में औसत से 31 प्रतिशत ज्यादा बारिश
सामान्य से 31 फीसदी ज्यादा बारिश काशी और पूर्वांचल की खेती-बाड़ी के लिए अच्छा संकेत है। बनारस में मानसून सीजन जून, जुलाई और अगस्त में कुल 635.3 मिमी बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर 485.9 मिमी बारिश का आंकड़ा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार बारिश का पैटर्न भी बदला है। रिमझिम बारिश से खेतों में पानी धीमे-धीमे भर रहा और धान समेत कई फसलें नष्ट नहीं हो रही। 

बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, इस बार ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी बेहतर हुआ है। इससे खेती लायक अच्छी स्थितियां तैयार हो गई हैं। धान के खेतों को इसी तरह की रिमझिम बारिश की जरूरत होती है, जिससे खेत भरे न कि फसलें लेट जाए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed