Varanasi Weather: वाराणसी में डेढ़ घंटे में 17.6 मिमी बारिश, कई जगह बूंदाबांदी; कहीं जलभराव-कहीं सड़कें सूखी
वाराणसी में बादलों की आवाजाही जारी है। धूप-छांव के बीच कहीं-कहीं बारिश भी हुई। इस कारण उन इलाकों में जलभराव की समस्या बनी रही। माैसम विभाग ने 4-5 दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।

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Varanasi News: पांच दिन की कड़ी धूप और उमस भरी गर्मी के बाद शुक्रवार दोपहर को मौसम बदल गया। बीएचयू और आसपास के इलाकों में करीब डेढ़ घंटे में 17.6 मिलीमीटर बारिश हुई। अस्सी, लंका, बीएचयू, सुंदरपुर और सामनेघाट इलाकों में जोरदार बारिश से कुछ देर के लिए जलभराव जैसी स्थिति बन गई। वहीं, मैदागिन, गौदोलिया, सिगरा, कैंट समेत बाबतपुर इलाकों की ओर हल्की-फुल्की बौछार वाली बरसात हुई।

कहीं-कहीं तो सड़कें सूखी रहीं। बनारस में दोपहर दो बजे तक तीव्र धूप ने हलकान कर दिया। उमस से लोग बेहाल हो गए। इसके बाद अचानक से बादल छाने लगे और जोरदार बारिश हो गई। शुक्रवार को वाराणसी का अधिकतम तापमान सामान्य से 0.7 डिग्री ज्यादा 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.3 डिग्री कम 28 डिग्री सेल्सियस तक आया। हवा में नमी 90 फीसदी से ऊपर चली गई। पूरब से 19 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा भी चली। बारिश का पूर्वानुमान जारी, अलर्ट नहीं : मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक बनारस में बारिश की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई है। हालांकि 4-5 दिनों तक बारिश का पूर्वानुमान लगाया गया है।
मानसून में औसत से 31 प्रतिशत ज्यादा बारिश
सामान्य से 31 फीसदी ज्यादा बारिश काशी और पूर्वांचल की खेती-बाड़ी के लिए अच्छा संकेत है। बनारस में मानसून सीजन जून, जुलाई और अगस्त में कुल 635.3 मिमी बारिश हो चुकी है। सामान्य तौर पर 485.9 मिमी बारिश का आंकड़ा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार बारिश का पैटर्न भी बदला है। रिमझिम बारिश से खेतों में पानी धीमे-धीमे भर रहा और धान समेत कई फसलें नष्ट नहीं हो रही।
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, इस बार ग्राउंड वाटर रिचार्ज भी बेहतर हुआ है। इससे खेती लायक अच्छी स्थितियां तैयार हो गई हैं। धान के खेतों को इसी तरह की रिमझिम बारिश की जरूरत होती है, जिससे खेत भरे न कि फसलें लेट जाए।