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Bihar Assembly Elections 2025: The artisans who make good luck fish in Maniyan, Banka, have high hopes for the
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Bihar Assembly Elections 2025:बांका के मनियां में गुड लक मछलियां बनाने वाले कारीगरों को चुनाव से काफी उम्मीदें
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Fri, 31 Oct 2025 02:56 PM IST
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बिहार के बांका जिले के मनिया गांव के कई परिवार चांदी की परत के जरिए इन हस्त निर्मित मछली रूपी ताबीज को बनाने का काम करते हैं। चांदी के इन मछली ताबीजों को ये कारीगर 'गुड लक' कहते हैं। और ये चमकती मछलियां ग्राहकों को भी गुड लक की उम्मीद देती है। हालांकि इन गुड लक मछलियों को बनाने वाले कारीगरों को इस पारंपरिक कला को बचाए रखने के लिए सरकार से मदद की आस है। उनका कहना है कि सरकार झारखंड की सीमा से लगे इस गांव के विकास की ओर भी ध्यान दे। कारीगर अमित कुमार ठाकुर बोले- "हम लोग गुड लक का इंतजार मतलब लगभग 100 साल से कर रहे हैं। हम लोग का ये गांव का ये है न पुश्तैनी धंधा है। चाहे कोई भी समाज का आदमी रहे, सब इसी का कार्य से जुड़ा हुआ है, मछली बनाने के कार्य से। लेकिन आज तक किसी का गुड लक नहीं हुआ है। अगर आपके थ्रू, आपके माध्यम से, आपके चैनल के माध्यम से अगर हम लोग के गांव का भी विकास हो तो अच्छा रहेगा।"
इन 'गुड लक' ताबीजों को अलग अलग वजनों के हिसाब से बनाया जाता है। जिसमें चांदी के तार को ढालकर उस पर नक्काशी की जाती है। लेकिन अपनी इतनी खूबसूरती के बावजूद, यह कला अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। कारीगरों का दावा है कि 'गुड लक' मछलियां बनाकर अब उनकी बहुत कम कमाई होती है। वे सरकार से मधुबनी और मंजूषा कला की तर्ज पर इस पारंपरिक कला को भी बढ़ावा देने की अपील कर रहे हैं। हालांकि बिहार सरकार ने पहले कुछ मदद ज़रूर की थी, लेकिन कारीगरों का कहना है कि वे इससे संतुष्ट नहीं हैं। कारीगरों का आरोप है कि चुनाव के दौरान नेता गांव आते हैं और कई वादे करते हैं, लेकिन गांव वालों के वोट डालते ही वो सारे वादे हवा हो जाते हैं। 'वोकल फॉर लोकल' के दौर में मनिया के कारीगरों को उम्मीद है कि अगर सरकार स्थानीय कला पर ध्यान केंद्रित करेगी, तो उनके अच्छे दिन जरूर आएंगे। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में वोट डालने के लिए लाइन में खड़े होने के दौरान यहाँ के मतदाताओं के मन में भी बस यही उम्मीद होगी। बांका में 11 नवंबर को मतदान होना है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी।
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