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Chhath Puja 2025: Adorable pictures from Chhath Ghat, devotees offered Arghya to the setting sun. Sandhya Argh
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Chhath Puja 2025:छठ घाट से आईं मनमोहक तस्वीरें, डूबते सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्य | Sandhya Arghya
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Mon, 27 Oct 2025 05:08 PM IST
आज देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व होता है। यह चार दिनों तक चलता है, जिसमें तीसरे दिन का विशेष महत्व होता है। जहां पर संध्या अर्घ्य देकर सूर्य उपासना और छठी मईया की पूजा होती है। इस दिन व्रती घाट पर एकत्रित होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। पंचांग के अनुसार आज सूर्यास्त शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा। छठ पूजा के दौरान सुहागिन महिलाएं नाक से लेकर मांग तक लंबा सिंदूर भरती हैं। इसे पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन की खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान महिलाएं लाल की बजाय नारंगी रंग का सिंदूर लगाती हैं। इसका कारण यह है कि नारंगी रंग सूर्य का प्रतीक है और छठ पर्व सूर्य की उपासना का पर्व है। इसलिए नारंगी सिंदूर लगाने से सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही यह माना जाता है कि सुहागिन महिला का जितना लंबा सिंदूर होगा, उसका दांपत्य जीवन उतना ही लंबा और सुखी होगा। छठ महापर्व पर उगते और डूबते हुए सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व होता है। छठ महापर्व पर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। तांबे के लोटे में जल, रोली, लाल फूल, चावल और शक्कर डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" या "आदित्याय नमः" मंत्र का जाप करें। सूर्यास्त के समय सूर्य देव और छठी मैइया की पूजा-आराधना का खास महत्व होता है। छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को जल चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही सूप में पूजन सामग्री को रखकर छठी मईया की पूजा की जाती है फिर कथा और आरती की जाती है। आज शाम को सूर्यास्त का समय 05 बजकर 40 मिनट तक है। इस मुहूर्त में संध्या अर्घ्य का मुहूर्त है।
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