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50 से अधिक किसानों की फसल बर्बाद: रायगढ़ में 177 हाथियों का आतंक, मित्र दल की टीमे 24 घंटे रख रही नजर
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के जंगलों में इन दिनों हाथियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। ताजा आंकड़ों के अनुसार 177 हाथी अलग-अलग दलों में विचरण कर रहे हैं। हाथियों के दल ने बीती रात 50 से अधिक किसानों की फसलों को रौंदकर भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे प्रभावित गाँवों में ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ जिले का जंगल हाथियों के लिये अनुकूल माना जाता है। जहां हाथियों की संख्या में कमी और बढ़ोतरी अक्सर देखी जाती रही है। ताजा आंकड़ो की अगर बात करें तो इन दिनों रायगढ़ जिले में कुल 177 हाथियों की मौजूदगी है। रायगढ़ वन मंडल में जहां 74 हाथी है तो वहीं धरमजयगढ़ वन मंडल में 103 हाथी मौजूद है। सबसे अधिक हाथी घरघोड़ा रेंज के कमतरा बीट में 33, छाल के लोटान में 26, धरमजयगढ़ के पंडरीपानी में 24, बंगुरसिया पूर्व में 16, बोरो रेंज के रूंवाफूल में 13, बाकारूमा रेंज के रैरूमा में 12, कापू के अलोला में 11, कांटाझरिया पूर्व में 10 के अलावा अलग-अलग बीट में भी हाथियों की मौजूदगी है। हाथियों के इस दल में नर हाथी 51, मादा हाथी 77 के अलावा 49 हाथी शावक शामिल हैं। हाथियों के दल ने बीती रात 50 से अधिक किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है जिसमें क्रिन्धा, बताती, रूवांफूल, कसेरडूगरू में 10, सकालो, अलोला में 05, कटाईपाली, बोजिया में 05, साम्हरसिंघा में 03 के अलावा अलग-अलग गांव में हाथियों ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर नुकसान का आंकलन कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। एक लंबे अर्से बाद रायगढ़ जिले के जंगलों में हाथियों की संख्या में इजाफा को लेकर प्रभावित गांव के ग्रामीणों में अब दहशत का माहौल भी देखा जा रहा है। गांव के ग्रामीण बताते हैं कि रात होते ही रोजाना हाथियों का दल बस्ती के करीब पहुंच रहे हैं। जिससे डरे सहमे वह अपने घरों में ही दुबक कर रहने पर विवश हो चुके हैं।
जंगलों में विचरण कर रहे हाथियों की हर गतिविधियों पर हाथी मित्र दल की टीमे 24 घंटे नजर रख रही हैं। ये दल ग्रामीणों को समय-समय पर अलर्ट कर रहे हैं, ताकि जनहानि की घटनाओं को रोका जा सके। साथ ही गांव के ग्रामीणों को जंगल नही जाने की समझाईश देते हुए बस्ती के करीब हाथी आने पर उससे दुरी बनाये रखने की भी बात कही जा रही है।
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