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VIDEO : Farmers took out a warning rally in Hisar, celebrated the fourth anniversary of the Kisan Andolan March
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VIDEO : हिसार में किसानों ने निकाली चेतावनी रैली, मनाई किसान आंदोलन कूच की चौथी वर्षगांठ
हिसार में संयुक्त किसान मोर्चा व केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने एचएयू गेट नंबर 4 से लघु सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला। किसानों ने कहा कि दिल्ली कूच के चार साल पूरे होने के बाद भी किसानों की मांगों को पूरा नहीं किया गया। ऐसे में किसानों ने केंद्र सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने इसे चेतावनी रैली का नाम देते हुए कहा कि चार साल बाद भी केंद्र सरकार ने अपने वादे को पूरा नहीं किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शमशेर सिंह नम्बरदार, रणबीर मलिक, कामरेड सुरेश कुमार, सतीश बैनीवाल,सुरजभान डाया , रुपचंद ,कामरेड इंद्रजीत सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा हिसार , केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने लामबंदी के माध्यम से विरोध दिवस के रूप में चुना। यही वह दिन है जब ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी। किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर अपना ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। ऐतिहासिक आंदोलन की चौथी वर्षगांठ है। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं।
बिना सी-2+50 प्रतिशत फॉर्मूला लागू किया और खरीद की कोई गारंटी नहीं है। केंद्र सरकार पिछले साल खरीदी गई फसल को उठाने में विफल रही। इस साल मंडियों में जगह की कमी के कारण धान की खरीद रुक गई। एमएसपी, एपीएमसी मंडियां, एफसीआई और पीडीएस आपूर्ति को बचाने के लिए भी फिर से सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को और ज्यादा राहतें देने के लिए केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषणा की गई है। डिजिटल कृषि मिशन-डीएएम के माध्यम से भूमि और फसलों का डिजिटलीकरण लागू किया जा रहा है। किसान मजदूर नेताओं ने कहा कि खेती में निरंतर घाटा अधिक ऋण और कृषि से अधिक बेदखली का कारण बनता है। गंभीर कृषि संकट लाखों की संख्या में ग्रामीण युवाओं को शहरों की ओर पलायन करने और श्रमिकों की आरक्षित सेना को बढ़ाने के लिए मजबूर करता है। इसका औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों के श्रमिकों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
चेतावनी रैली में विकास सीसर, संदीप सिवाच, डाॅ. करतार सिवाच,राजीव मलिक,सतबीर धायल,जसबीर सूरा, दिलबाग सिंह हुड्डा, बलराज मलिक, सूबे सिंह बूरा, कैलाश मलिक, मनोज सोनी,सुधीर सिंघवा, कुलदीप पुनिया, अनिल बैंदा,केडी अग्रोहा, कपूर बगला, कुलदीप खरड़,सोमबीर चौधरीवास, ईश्वर वर्मा बाडोपट्टी, रोहतास राजली, कृष्ण नैन,मियां सिंह बिठमड़ा,मेहरसिंह बांगड़,जोरा सिंह, दिनेश सिवाच,समुंद्र मलिक,गोलू डाटा,हवा सिंह हिंदवा आदि शामिल रहे।
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