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VIDEO : मिल्क पार्लर योजना के दुग्ध सप्लाई कर निर्यात करेगा भारत, 2030 में 300 व 2047 तक 600 मीट्रिक मिलियन टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य
भारत 230 मीट्रिक मिलियन टन दुग्ध उत्पादन करने के कारण आज विश्व में नंबर-1 है। मगर हैरानी की बात है अव्वल होने के बावजूद हम विदेशों को दुग्ध सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। 230 मीट्रिक मिलियन टन दुग्ध उत्पादन में से केवल 21 फीसदी का ही प्रयोग हम उत्पाद बनाने में कर पा रहे हैं। 2030 में 300 मीट्रिक मिलियन टन व 2047 तक भारत 600 मीट्रिक मिलियन टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य है। विदेशों में भी भारत का दुग्ध बिके। इसके लिए मिल्क पार्लर प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसमें पहले फेज में पनीर-चीज व घी से बने उत्पाद तैयार कर देश में बेचे जाएंगे। दुग्ध को विदेशों में बेचा जाएगा। ये जानकारी भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र में पशु विज्ञान शाखा के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. राघवेेंद्रा भट्टा ने मीडिया से बातचीत के दौरान दी।
वे सोमवार को हिसार में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र के 40वें स्थापना दिवस पर एक स्वास्थ्य प्रतिमान में साथी पशु और पशुधन रोग विषय पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत करने पहुंचे थे। उनके साथ हिसार स्थित आईसीएआर-सीआईआरबी के डायरेक्टर डॉ. टीके दत्ता, बेंगलुरू स्थित आईसीएआर-एनआईवीईडीआई के डायरेक्टर डॉ. बीआर गुलाटी व पुणे स्थित आईसीएमआर-एनआईवी के डायरेक्टर डॉ. नवीन कुमार भी मौजूद रहे।
एक सवाल के जवाब पर डॉ. राघवेेंद्रा भट्टा ने बताया कि भारत का दुग्ध विदेश में न बिक सकें इसके लिए विदेशी लोग भारतीय दुग्ध को गुणवत्ताहीन कहकर बदनाम कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत में 5 करोड़ से अधिक दुग्ध उत्पादक पशु है, जोकि एक बार में अधिक मात्रा में हानिकारक मीथेन गैस छोड़ते हैं। मीथेन पर्यावरण के लिए घातक है। यह तर्क गलत है। उन्होंने बताया कि फिर भी हमने हरित दर्रा नाम से एक पशु के लिए आहार तैयार किया , जिससे खाकर पशु काफी कम मात्रा में मीथेन गैस को छोड़ेगा। न केवल मीथेन गैस की मात्रा को कम करेगा अपितु दुग्ध क्षमता में भी बढ़ोतरी करेगा।
उन्होंने बताया कि दुग्ध की अधिक मात्रा बढ़ाने के लिए दुग्ध उत्पादक पशु की किस्म के समागम पर ध्यान दिया जा रहा है। अब अधिक मात्रा में दुग्ध देने वाली किस्म के पशु का समागम ऐसे दूसरे पशु के साथ करवाया जाएगा, जो 4 से 5 लीटर ही दुग्ध दे पाती है। जिससे फायदा यह होगा कि अधिक मात्रा में दूध देने वाले पशु के होर्मोन से कम मात्रा में दुग्ध देने वाले पशु में प्रवेश करेंगे तो बेहतर परिणाम निकलेंगे।
मुंहखुर को जड़ से खत्म करने के लिए देश को चार भागों में बांटेगा
डॉ. राघवेंद्रा भट्टा ने बताया कि भारत सरकार मुंहखुर अर्थात फुट एंड माउथ डिसीज को जड़ से खत्म करने के लिए योजना तैयार कर रही है। इसके लिए देश को चार जोन में बांटा है। हरियाणा में मुंहखुर रोधी वैक्सीन का छठा राउंड व कर्नाटक तीसरा राउंड वैक्सीन लगाने का चल रहा है। राज्य सरकार वैक्सीन खरीदेगी। जहां लगातार 5 साल तक एक भी मुंहखुर बीमारी से ग्रस्त पशु नहीं मिलेगा उसे सुरक्षित जोन उसे घो
षित किया जाएगा
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