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VIDEO : हिसार में लघु सचिवालय के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा ने फूंका पुतला
संयुक्त किसान मोर्चा ने एनडीए 3 के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन न करने का कड़ा विरोध किया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से किसानों के साथ विचार-विमर्श करने के लिए कहा है। इसके बाद भी सरकार बात नहीं कर रही।
मोर्चा आपसे दृढ़तापूर्वक मांग करता हैं कि आप केंद्र सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाने, दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर दमन और आंसू गैस के गोले दागने को रोकने, गत दिनों से गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में बंद सभी किसानों को रिहा करे। उन पर हत्या के प्रयास सहित झूठे लगाए गए मामलों को वापस साजिश के लिए जिम्मेदार पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति, डिजिटल कृषि मिशन और राष्ट्रीय सहयोग नीति को वापस ले। संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों के साथ तुरंत चर्चा करने और एमएसपी, ऋण माफी, बिजली के निजीकरण और एलएआरआर अधिनियम 2013 के कार्यान्वयन पर किसानों की लंबे समय से लंबित वास्तविक मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दें।
एनडीए 2 सरकार ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के मद्देनजर 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हस्ताक्षरित समझौते का बेशर्मी से उल्लंघन किया है, जिसने तीन कृषि अधिनियमों को निरस्त करना सुनिश्चित किया था।
अब किसान अपनी मांगों के लिए दिल्ली जा रहे तो बीजेपी सरकार तानाशाही रवैया अपना कर निहत्थे किसानों पर आंसू गैस के गोले, रबर की गोलियां, पानी की बौछारों का इस्तेमाल करके और शांतिपूर्ण प्रदर्शन और धरना करने के लिए सैकड़ों किसानों को जेल में डालकर क्रूरता से दबाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की मुख्य मांगें:-
1. किसान संगठनों के साथ बातचीत करें और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की जान बचाएं।
2. दिल्ली कूच करने वाले किसानों पर दमन बंद करें।
3. नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सभी किसानों को लुक्सर जेल से रिहा करें।
4. राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति को वापस लें।
5. सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल चर्चा करें और 9 दिसंबर, 2021 के पत्र में सहमति के अनुसार सभी लंबित मुद्दों का समाधान किया जाए।
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