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VIDEO : एचएयू वैज्ञानिकों एवं प्रदेश के कृषि अधिकारियों की वर्कशॉप, फसलों में नई समग्र सिफारिशों के लिए दो दिन करेंगे मंथन
हिसार में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एआई का प्रयोग खेती में भी अपनाना होगा। हमें आधुनिक तकनीकों को कृषि में लाना ही होगा। जिससे खेती में बढ़ती लागत को कम किया जा सकेगा। किसानों को तकनीक उपयोग करने के लिए प्रेरित करना होगा। किसानों को प्राकृतिक खेती, जहर मुक्त खेती, जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा। जिसके लिए कृषि अधिकारियों को अपनी भूमिका निभानी होगी। कृषि अधिकारियों के पिछले तीन साल के प्रयास तथा किसानों की जागरूकता का असर रहा कि इस बार गुलाबी सुंडी पर काबू पाया जा सका। गुलाबी सुंडी के नुकसान को लेकर एक रुपया भी मुआवजा नहीं देना पड़ा ।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय सभागार में कृषि अधिकारी कार्यशाला (रबी) 2024 का शुभारंभ हुआ मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने किया। विस्तार शिक्षा निदेशालय की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में एचएयू के वैज्ञानिक तथा प्रदेश के कृषि सभी जिलों से कृषि अधिकारी भाग ले रहे हैं।
कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने के लिए कृषि अधिकारी किसानों को दलहनी एवं तिलहनी फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित करें। किसानों को उन फसलों की काश्त करने के लिए जागरूक किया जाए जिन फसलों में पोषक तत्व एवं पानी की कम मात्रा के साथ-साथ उत्पादन लागत कम आए। कृषि उत्पादन, खाद्य सुरक्षा, किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा प्राकृतिक संसाधनों का सीमित मात्रा में प्रयोग करना हमारा उद्देश्य है। वर्ष 2023-24 में हरियाणा में खाद्यान्न उत्पादन बढक़र 332 लाख मीट्रिक टन हो गया है। केंद्रीय पूल में हरियाणा दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी का कारण विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत किस्में, आधुनिक कृषि तकनीक के अलावा कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा उन तकनीकों को किसानों तक पहुुुचानें से संभव हो सका है। फसल अवशेष प्रबंधन, फसल विविधिकरण, मृदा स्वास्थ्य व जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक का उपयोग करके फसल उत्पादन बढ़ाने व कृषि से जुड़ी समस्याओं का तत्परता से समाधान करने की आवश्यकता है। कुलपति ने कार्यशाला में पिछली खरीफ की कार्यवाही रिपोर्ट पुस्तिका का भी विमोचन किया।कार्यशाला में कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, कृषि विभाग के निदेशक राज नारायण कौशिक ऑनलाइन जुड़े।
कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आर.एस. सोलंकी ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को उपयोग करना चाहिए। मेरा पानी-मेरी विरासत, हर खेत स्वस्थ खेत, मेरी फसल मेरा ब्यौरा तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। हमें पानी की बूंद बूंद का सदुपयोग करना चाहिए। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने कृषि विज्ञान केन्द्रों , तकनीकी प्रदर्शन प्रक्षेत्र के आंकड़ों की जानकारी दी। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने अनुसंधान परियोजनाओं व विश्वविद्यालय की नवीनतम तकनीकों पर चल रहे शोध कार्यो के बारे में बताया। विस्तार शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक डॉ. सुनील ढांडा ने मंच का संचालन किया।
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