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महेंद्रगढ़ में संस्कृत शिक्षकों को दिया एआई प्रयोग का प्रशिक्षण, अब प्राचार्य सीखेंगे संस्थान प्रबंधन
शहर स्थित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें जिला के 200 शिक्षकों को एआई प्रयोग में पारंगत बनाया गया और एआई प्रयोग कर संस्कृत का सरलीकरण करना सिखाया गया।
बता दें कि शिक्षा विभाग की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 के तहत हर बच्चे को शिक्षित करने के उद्देश्य से कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शुक्रवार को एससीईआरटी की ओर से आयोजित तीन दिवसीय भाषा कौशल विकास कार्यक्रम का समापन किया गया। इसमें महेंद्रगढ़ जिला के 100 पीजीटी और 100 टीजीटी शिक्षकों को भाषा कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षकों को बताया गया कि किस प्रकार एआई का प्रयोग कर वे भाषा को आसान बना सकते हैं और विद्यार्थियों को आसानी से सिखा सकते हैं।
प्रशिक्षण को-ऑर्डिनेटर अरुण कुमार ने बताया कि आजकल संस्कृत के प्रति विद्यार्थियों की रुचि घटती जा रही है और विद्यार्थियों में संस्कृत भाषा को लेकर कुछ अवधारणाएं भी बनी हुई हैं। उनका मानना है कि संस्कृत भाषा मुश्किल हैं और इसमें विभक्ति व व्याकरण मात्राएं भी अधिक रहती है। इससे व्याकरण याद रखना कठिन रहता है। अब शिक्षकों को एआई के माध्यम से भाषा कुशलता सिखाई गई है। इसके माध्यम से विद्यार्थी भाषा को आसान तरीके से सीख पाएंगे। साथ ही वाक्य बनाना और विभक्ति प्रयोग में दक्षता आएगी। प्रशिक्षण सुबह नौ बजे से शाम तीन बजे तक चला। अंत में शिक्षकों का मौखिक टेस्ट लेकर उनकी कुशलता जांची गई। प्रशिक्षण के दौरान मध्याह्न भोजन की व्यवस्था रही। इस दौरान प्रशिक्षण प्रभारी डाॅ. आईसी शर्मा, भीमसेन शास्त्री, मुकेश कुमार, मनोज भारद्वाज, मनीष कुमार, क्रांतिलाल और लालचंद आदि मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण दिया।
प्राचार्यों को दिया जाएगा संस्थान प्रबंधन का प्रशिक्षण:
अब सोमवार से जिला के सभी प्राचार्यों व हैड मास्टर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें मॉडल संस्कृति व पीएमश्री स्कूल प्राचार्य शामिल नहीं होंगे। इस प्रशिक्षण में उन्हें बताया कि जाएगा कि बेहतर संस्थान प्रबंधन किस प्रकार किया जाए और कैसे अनुशासन बनाएं रखें। साथ शिक्षकों व विद्यार्थियों का सहयोग किस प्रकार आवश्यक रहेगा। इसकी प्रशिक्षण में जानकारी दी जाएगी। प्रबंधन अच्छा होने पर विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ेंगी।
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