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VIDEO : There should be separate welfare board for paramilitary forces in every Sonipat of country
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VIDEO : देश के हर सोनीपत में अर्द्धसैनिक बल के जवानों के लिए अलग से होना चाहिए कल्याण बोर्ड
भूतपूर्व सैनिक बलबीर सिंह ने कहा कि 13 दिसंबर देश का इतिहास का काला दिन है वर्ष 2001 में संसद भवन में हमला किया गया था। उस दौरान संसद को अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने बचाया था। संसद को बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले जवानों की सरकार से कई मांगें हैं। इनमें मुख्य रूप से वन रैंक वन पेंशन लागू किया जाए। हमले में दम तोड़ने वाले अर्द्धसैनिक बल के जवानों को शहीद का दर्जा दिया जाए।
इन्हीं मांगों को लेकर वह और उनकी पत्नी सावित्री पंजाब के अमृतसर स्थित वाघा बॉर्डर से लेकर तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक 100 दिन के पैदल यात्रा करने जा रहे हैं। इसकी शुरुआत 14 फरवरी 2025 से होनी है। भूतपूर्व सैनिक बलबीर सिंह वीरवार को रेलवे रोड स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारवार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी से पैदल यात्रा के शुभारंभ पर 1500 से ज्यादा जवान मौजूद रहेंगे।
इसके बार 250 से ज्यादा जवान उनके साथ कन्या कुमारी तक जाएगी। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ को केंद्रीकृत लॉग प्रबंधन समाधान (सीएलएमएस) से वंचित रखा गया है। सीआईएसएफ महानिदेशक से अनुरोध है कि सीएलएमएस लागू किया जाए। वर्ष 2019 में गृह मंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ कार्यालय के उद्धाटन पर अर्द्धसैनिक बल के जवानों को साल में 100 दिन की छुट्टी का एलान किया था, लेकिन उस एलान को अभी तक लागू नहीं किया गया है। केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) डिस्पेंसरी की सुविधा देश के हर जिले में होनी चाहिए।
भूतपूर्व सैनिक बलबीर सिंह ने कहा कि देशभर के हर जिले में सेना से सेवानिवृत्त जवानों के लिए सैनिक बोर्ड की तर्ज पर अर्द्धसैनिक बल के जवानों के लिए अलग से कल्याण बोर्ड होना चाहिए। हर जिले में तिरंगा चौक या तिरंग पार्क होना चाहिए। शहीद अर्द्धसैनिक बल के जवानों के नाम तिरंगा पार्क में शिलापट्ट पर अंकित होने चाहिए।
सीएसडी कैंटीन की तर्ज पर हर जिले में 50 फीसदी छूट के साथ कैंटीन की सुविधाएं हाेनी चाहिए।
इसको लेकर वह राष्ट्रपति, गृह मंत्री, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री से भी अर्द्धसैनिक बल के जवानों का प्रतिनिधिमंडल कई बार मिल चुका है, लेकिन मांगें अभी अधूरी है। उनके साथ सावित्री व सतीश भी मौजूद रहे।
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