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VIDEO : जयंती समारोह में बोले हरिप्रपन्नाचार्य महाराज, ज्ञान, भक्ति और कर्म की अनूठी त्रिवेणी है श्रीमद्भागवत गीता
जाैनपुर के जलालपुर क्षेत्र के कुटीर संस्थान का 88वां संस्थापन दिवस एवं गीता जयंती समारोह कुटीर संस्थान चक्के में मनाया गया। प्रवचनकर्ता रामानुजाचार्य स्वामी हरिप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि हमारा अनमोल समय प्रदोष दर्शन में बीतता है। मानव बनना तो सरल है पर मानवता लाना कठिन है। कथा एवं सत्संग की परंपरा बहुत पुरानी है। जीव मूलाधार चक्र से आज्ञा चक्र पर रुका हुआ है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को अपने अंदर से भेदभाव को त्याग कर समभाव से रहना चाहिए। कुटीर संस्थान के व्यवस्थापक डॉ. अजयेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि शिक्षा देने के लिए बड़े भवनों के प्रभुत्व की आवश्यकता नहीं है। भारतीय परंपरा के अनुसार वृक्ष के नीचे, नदी के किनारे, युद्ध भूमि में शिक्षा देने की पद्धति है। आभार ज्ञापन प्राचार्य प्रो. राघवेंद्र कुमार पांडेय ने किया। इस मौके पर पं. श्रीभूषण मिश्र, हरीश प्रसाद शुक्ल, मंगला प्रसाद सिंह, चंद्रदेव मिश्र, पूर्व कुलपति प्रो. धरणीधर दुबे आदि रहे।
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