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यमुनानगर में कार्तिक पूर्णिमा पर कपाल मोचन मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर यमुनानगर जिले के व्यासपुर स्थित कपाल मोचन तीर्थ में मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया और देवी-देवताओं की आराधना की।
मेला क्षेत्र में प्रशासनिक व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहीं। एसडीएम बिलासपुर जसपाल सिंह ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, सफाई, यातायात और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए थे। पूरे मेले क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
कपाल मोचन तीर्थ पर स्थित तीन पवित्र सरोवर कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर और सूर्य कुंड सरोवर का धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि सूर्य कुंड वही स्थल है जहां माता कुंती ने महाभारत के वीर योद्धा कर्ण को जन्म दिया था। इसी स्थल पर एक कदंब वृक्ष है, जिसके बारे में श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां धागा बांधने से संतान की प्राप्ति होती है।
कदंब वृक्ष से जुड़ी यह भी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने इसी पेड़ पर गोपियों के वस्त्र छिपाए थे, जिसके चलते यह स्थल वैष्णव परंपरा के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत पवित्र माना जाता है।
सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि सिख समुदाय के लोगों के लिए भी यह स्थान अत्यंत आस्था का केंद्र है। कहा जाता है कि गुरु गोविंद सिंह जी यहां 52 दिनों तक रुके थे और चंडी महायज्ञ करने के बाद भगानी साहिब का युद्ध जीता था। इसी उपलक्ष्य में यहां स्थित गुरुद्वारे में पूर्णिमा के दिन प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।
हालांकि, इस वर्ष पंजाब क्षेत्र में आई बाढ़ के चलते श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी देखी गई। प्रशासन के अनुसार, बाढ़ग्रस्त इलाकों से आने वाले श्रद्धालु इस बार कम पहुंचे, जिससे मेले में भीड़ अपेक्षाकृत कम रही।
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