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Bilaspur: साहसिक पर्यटन का नया हब बनकर उभर रहा है बिलासपुर
बिलासपुर पर्यटन के लिहाज से लगातार प्रगति कर रहा है। धार्मिक, साहसिक और स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। गोबिंद सागर झील साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में वर्ष 2024 से यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स की विभिन्न गतिविधियों की शुरुआत की थी। बंदलाधार की तलहटी में सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध निर्माण से बनी गोबिंद सागर झील का नीला पानी और चारों ओर की हरी-भरी वादियां पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। बडोल धार और बंदला धार के बीच यह झील अपने दृश्य में कश्मीर की डल झील जैसी सुंदरता लिए हुए है। जिला प्रशासन ने झील में पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने पर्यटन, खेल, व्यापार और रोजगार सृजन सोसायटी के माध्यम से झील में कई साहसिक गतिविधियां शुरू की हैं। इनमें स्पीड बोट, क्रूज राइड, वाटर स्कूटर, बनाना राइड और शिकारा राइड प्रमुख हैं। ये गतिविधियां बिलासपुर के मंडी-भराड़ी फोरलेन पुल के समीप संचालित हो रही हैं। पर्यटकों को जलक्रीड़ा का पूरा अनुभव देने के लिए जिला प्रशासन तीन दिवसीय वाटर स्पोर्ट्स महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इसमें ड्रैगन बोट रेस, कयाकिंग और कैनोइंग प्रतियोगिताएं मुख्य आकर्षण होंगी। गोबिंद सागर झील की लोकेशन चंडीगढ़-कीरतपुर-मनाली फोरलेन मार्ग पर होने के कारण पर्यटक आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। बिलासपुर में पैराग्लाइडिंग की गतिविधियां भी शुरू की गई हैं। बंदला धार उत्तर भारत के बेहतरीन पैराग्लाइडिंग स्थलों में से एक है। मार्च 2025 में यहां अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग फिएस्टा सफलतापूर्वक आयोजित हुआ, जिसमें छह देशों के 70 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। गोबिंद सागर झील को एयरो स्पोर्ट्स के लिए उत्तरी भारत का सबसे उपयुक्त स्थल माना जा रहा है। इसके अलावा, झील में आइलैंड टूरिज्म की योजना पर काम जारी है। इसका उद्देश्य पर्यटकों को अंडमान-निकोबार की तर्ज पर झील के द्वीपों पर सैर का अनुभव देना है।
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