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Mandi: 10 दिन पूजा-अर्चना के बाद हनुमान घाट पर गणपति प्रतिमाओं का किया विसर्जन
मंडी शहर में पिछले 11 दिनों तक गणेश महोत्सव की धूम रही। शहर के विभिन्न स्थानों व पंडालों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के चलते सुबह-शाम की आरती व भजन संध्याओं का आयोजन किया। इस दौरान रामनगर, नीलकंठ महादेव मंदिर, शीतला मंदिर व सिद्ध गणपति मंदिर में भंडारे लगाए गए। 11वें दिन शनिवार को गणपति पंडाल समितियों ने गणेश प्रतिमाओं को ट्रैक्टरों व वाहनों में सजा कर देवी-देवताओं की अगुवाई में बैंड बाजे और डीजे की धुनों पर शहरवासियों ने नाचते गाते हुए ब्यास नदी के हनुमानघाट में विसर्जन के लिए पहुंचाया। इस दौरान गणपति बप्पा मोरेया अगले बरस तु जल्दी आ, मोरेया रे बप्पा मोरेया रे के उदघोष लगा श्रद्धालुओं ने अपने अराध्य देव को विदा किया। हरवासियों ने घरों में रखी गणपति की छोटी प्रतिमाओं का भी विसर्जन किया। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर सुबह से ही नए ब्यास पुल पर अग्निशमन का वाहन तैनात रहा। दोपहर बाद साढ़े तीन बजे से रामनगर, विश्वकर्मा मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, जेल रोड़, वाल्मीकि सभा, लवकुश सभा सुहड़ा, चौहटा बाजार, मोती बाजार, एसवीएम के समीप, बालकरूपी मंदिर के समीप, माता शीतला मंदिर और प्राचीन सिद्ध गणपति मंदिर पंडालों में रखे गणपति प्रतिमाओं को ट्रैक्टर में सजा कर शहर मेंं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। सभी गणेश समितियों ने राज देवता माधोराय मंदिर में शीष नवाते हुए आशीर्वाद लिया और देवी देवताओं के रथों के साथ शहर की परिक्रमा कर हनुमान घाटी के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने एक दूसरे पर गुलाल डाल कर पटाखे फोड़ते हुए बैंड और डीजे की धुनों पर खूब धमाल मचाया। नीलकंठ मंदिर के संयोजक दीपक गुलेरिया, रामनगर का राजा पंडाल से राजेंद्र पाल, विश्वकर्मा मंदिर के प्रधान महेंद्र राणा ने बताया कि रोजाना पंडालों में पूजा अर्चना, आरती के साथ रात्रि में भजन संध्याएं आयोजित की गई। एएसपी मंडी सचिन हीरेमठ ने बताया कि ब्यास नदी में बढे़ हुए जलस्तर और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी गणेश मूर्तियों का विसर्जन एसडीआरएफ के जवानों के माध्यम से करवाया गया। पुलिस और प्रशासन की तरफ से गणेश उत्सव के समापन पर पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। शहर में 40 से अधिक पुलिस जवान इस महोत्सव के दौरान तैनात रहे।
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