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ऊना: जिले में जर्जर भवनों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों व संवेदनशील सड़कों की होगी पहचान
ऊना जिले में बारिश का दौर जनजीवन को प्रभावित करने लगा है। मंगलवार को हुई बारिश इसका जीता जागता उदाहरण है। इसके मद्देनजर जिला में जर्जर भवनों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों व संवेदनशील सड़कों की पहचान की जाएगी। इस संबंध में उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने मंगलवार को मानसून सीजन-2025 के मद्देनजर तैयारियों एवं संभावित आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की। उन्होंने सभी विभागों को मानसून के दौरान किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने और विभागीय नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने मौसम संबंधी पूर्वानुमानों व चेतावनियों का शीघ्र प्रसार सुनिश्चित करने पर बल दिया। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को जन-जागरूकता अभियान चलाने और सभी अधिकारियों को सचेत और मौसम मोबाइल एप डाउनलोड कर नियमित अपडेट लेने के निर्देश दिए। उन्होंने जर्जर भवनों, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और संवेदनशील सड़कों की पहचान कर समयबद्ध मरम्मत सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही आवश्यक राहत सामग्री जैसे राशन, एलपीजी, दवाइयां, कंबल, तिरपाल आदि का अग्रिम भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। उपायुक्त ने सूखे और खतरनाक पेड़ों की समय रहते पहचान कर हटाने, अस्थायी पुलों की उपलब्धता और विद्युत आपूर्ति से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने नगर निगम, नेशनल हाईवे अथॉरिटी और जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि वर्षा जल की सुचारू निकासी के लिए नालों, नालियों और जल निकासी चैनलों की सफाई समय से पूरी करें ताकि जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो। जल शक्ति विभाग और पंचायती राज विभाग को जल स्रोतों व पेयजल टैंकों की सफाई व क्लोरीनेशन सुनिश्चित करने तथा स्वास्थ्य विभाग को सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में विशेषकर सर्पदंश रोधी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण विभाग को मशीनरी की मरम्मत कर उसे आपदा संभावित क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से तैनात करने को कहा गया। उपायुक्त ने सभी एसडीएम, होमगार्ड, अग्निशमन सेवाएं तथा अन्य विभागों को त्वरित प्रतिक्रिया दलों को सतर्क रखने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त ने एनडीआरएफ, सेना व अर्धसैनिक बलों से समन्वय बनाए रखने की बात कही ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके। उपायुक्त ने सभी उपमंडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र के सभी कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से अग्नि सुरक्षा, जल निकासी व्यवस्था व बेसमेंट के सुरक्षित उपयोग पर ध्यान को कहा। नियमों का पालन न करने पर कानूनी व अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उपायुक्त ने जानकारी दी कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर भी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका टोल फ्री नंबर 1077 है। इस अवसर पर एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर, एएसपी संजीव भाटिया, एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान, एसडीएम गगरेट सोमिल गौतम, एसडीएम अम्ब सचिन शर्मा, सीएमओ डॉ संजीव वर्मा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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