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GST Reforms 2025: दुकानदारों की मनमानी पर सरकार की लगाम! लगाना होगा नया रेट
वीडियो डेस्क/ अमर उजाला डॉट कॉम Published by: पल्लवी कश्यप Updated Fri, 12 Sep 2025 06:42 PM IST
जीएसटी की दरों में बदलाव होने से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। वहीं सामान बनाने वाली कंपनियों की टेंशन बढ़ गई थी। उन्हें सामान में MRP के लेबल को लेकर दिक्कत हो रही थी। जिसे अब केंद्र सरकार ने सुलझा दिया है। जिससे सामान बनाने वाली कंपनियां भी राहत की सांस ले रही हैं। दरअसल, जीएसटी में कटौती के बाद बाजार में बिना बिका माल बड़ी मात्रा में है। ऐसे में कंपनियां अब अपने पुराने बचे हुए माल के ऊपर नया रेट लगा सकती हैं। कहने का मतलब ये हुआ कि अब उन सामानों पर ऑनलाइन प्रिंट या फिर स्टिकर का इस्तेमाल कर उसे बेच सकते हैं। उसे स्क्रैप में नहीं डालना पड़ेगा। सरकार की तरफ से यह कहा गया है कि कंपनियों को नए दाम लगाने के साथ ही उपभोक्ताओं को उसकी जानकारी देना अनिवार्य होगा। इसके लिए न सिर्फ दो अखबारों में विज्ञापन देना होगा बल्कि राज्यों, दुकानदारों और केंद्र सरकार के संबंधित विभागों तक वह जानकारी पहुंचानी पड़ेगी। एक या एक से अधिक समाचार पत्रों में कम से कम जो विज्ञापन देना होगा। इसके साथ ही डीलरों को भी इसकी जानकारी देनी होगी। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पुरानी MRP के साथ छपी अप्रयुक्त पैकेजिंग सामग्री या रैपर का उपयोग 31 दिसंबर, 2025 तक किया जा सकता है, बशर्ते कि सही कीमत मुहर, स्टिकर या ऑनलाइन प्रिंटिंग के जरिए की गई हो। जीएसटी काउंसिल ने हाल में कई चीजों पर टैक्स में कमी की है। यह कटौती 22 सितंबर से लागू होगी। लेकिन इससे खासकर एफएमसीजी कंपनियों के सामने समस्या पैदा हो गई थी। यह प्री-पैकेज्ड कमोडिटीज पर एमआरपी को लेकर थी। लेकिन सरकार ने उनकी समस्या का समाधान कर दिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां 31 दिसंबर, 2025 तक या जब तक उनका पुराना स्टॉक खत्म नहीं हो जाता, तब तक नया एमआरपी लिख सकती हैं।
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