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Himachal Cloudburst and Landslide: Clouds have burst 45 times so far, many houses washed away, Red Alert still
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Himachal Cloudburst and Landslide: अब तक 45 बार फट चुके हैं बादल, कई घर बहे, अब भी Red Alert जारी।
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: अभिलाषा पाठक Updated Mon, 01 Sep 2025 12:54 PM IST
पहाड़ से लेकर मैदानों तक मानसून जमकर बरस रहा है, जिसकी वजह से नदियां उफान पर हैं, लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बर्बादी का मंजर सभी ने देखा है. इसी बीच हिमाचल में बरसात का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर मौसम विभाग ने प्रदेश के लिए अलर्ट जारी कर दिए हैं.शनिवार सुबह से ही प्रदेश में पांच जगह बादल फटने से कई घरों, वाहनों और सेब बगीचों को भारी नुकसान हुआ है. कुल्लू के हिड़व, शरची व बशला, रामपुर में ज्यूरी के बधाल और चंबा के चुराह में बादल फटे हैं. रामपुर के 12 से 20 क्षेत्र में भूस्खलन से पांच घर क्षतिग्रस्त हो गए. यहां मलबे में दबने से पिता-पुत्र घायल हुए हैं. शनिवार को मणिमहेश यात्रा मार्ग पर फंसे 6,000 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू कर सरकारी, निजी वाहनों से उनके घर भेजा गया.
हिमाचल में पिछले चार वर्षों में इस बार बादल फटने की अधिक घटनाएं हुई हैं। पहले 20 से 25 बादल फटने की घटनाएं होती थीं, लेकिन अभी तक 45 घटनाएं हो चुकी हैं। इसके कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं हुईं जिससे राज्य में अलग-अलग जगहों पर भारी तबाही हुई है। प्रदेश में चार राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 662 सड़कें बाधित हैं।मनाली का सोलंग गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया है। मंडी के द्रंग की रोपा पंचायत में पावर ग्रिड के 400 केवी डबल फीडर के दो टावर गिर गए। इससे पंजाब तक बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग सात घंटे तक उरला के समीप मलबा आने से बाधित रहा।ष्ट्रीय राजमार्ग शिमला-रिकांगपिओ दूसरे दिन भी बहाल नहीं हो पाया। कालका-शिमला रेलमार्ग पर भूस्खलन होने से डाउन मिक्स ट्रेन को सनवारा में रोकना पड़ा। शिमला के विकासनगर में भूस्खलन से दो कारें दब गईं।
भरमौर से श्रद्धालुओं की सुरक्षित वापसी जारी
मणिमहेश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की वापसी प्रक्रिया तेज हो गई है। तीन दिनों में 12 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को भरमौर से सुरक्षित निकाला गया है। वर्तमान में लगभग चार हजार श्रद्धालु सुरक्षित स्थानों पर आश्रय लिए हुए हैं, जिनमें से 800 श्रद्धालु रविवार सुबह चंबा के लिए रवाना हो चुके हैं।
हड़सर से डल झील मार्ग पर अभी भी 400 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान और स्थानीय लोग शामिल हैं। हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा श्रद्धालुओं को नूरपुर, पठानकोट और जम्मू के भद्रवाह तक निशुल्क बस सेवा दी जा रही है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान नौ से 31 अगस्त तक 16 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। एनडीआरएफ और स्थानीय रेस्क्यू दल कुगती रूट से शवों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं। भरमौर-चंबा राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने का काम जारी है।
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