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Illegal conversion case: Changur Baba's troubles increased, whose names did he confess
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Illegal conversion case: छांगुर बाबा की मुश्किलें बढ़ीं, किन लोगों का नाम कबूला?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सत्यम दुबे Updated Fri, 01 Aug 2025 09:29 PM IST
अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को आरोपी छांगुर बाबा ने मीडिया के सामने कई बातें कहीं, इस दौरान उसने कुछ लोगों के नाम भी लिए। छांगुर ने मीडिया से कहा कि वसीउद्दीन, मोहम्मद अहमद और संतोष सिंह मुझे फंसा रहे हैं और 60 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं। मैंने कुछ नहीं किया है। सभी आरोप झूठे हैं। मैंने किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराया है। मैं निर्दोष हूं।
आपको बता दें कि अवैध धर्मांतरण और देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार छांगुर पीर से एसटीएफ और एटीएस के बाद 17 जुलाई को सुबह सात बजे ईडी की 12 टीमों ने करीब 13 घंटे तक उसके पूरे साम्राज्य को खंगाला। इस बीच कई अहम दस्तावेज ईडी के हाथ लगे था। बताया जा रहा है कि पूरा खेल करोड़ों का है। यहां बड़े पैमाने पर धन शोधन किया गया। इस प्रक्रिया में मिले पैसे को छांगुर और उसके सहयोगियों ने धर्मांतरण में लगाया। ईडी को नेपाल से हवाला के माध्यम से पैसे मंगाने की भी जानकारी हाथ लगी।
छांगुर की करतूत जब एक-एक करके सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया। प्रभाव जमाने के लिए वह 40 देशों में पैठ होने की बात करता था। यही नहीं, 20 हजार से अधिक शागिर्द होने की धौंस भी जमाता था। ताकत दिखाने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज कराने और धमकी दिलाने में देर नहीं करता था। छांगुर ने युवतियों की भी एक टीम बना रखी थी, जो किसी पर भी दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज करा देती थीं।
दो वर्ष तक छांगुर के साथ रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी हुई तो विरोध किया, जिसकी सजा झूठे मामले में जेल जाकर चुकानी पड़ी। जान के लाले अलग से पड़ गए। अभी तक वह छुपकर जिंदगी जी रहे हैं। उन्होंने बताया कि छांगुर धर्म परिवर्तन कराने के लिए पहले कलमा पढ़ाता था और फिर प्रतिबंधित पशु का मांस खिलाता था। इससे वह संतुष्ट होना चाहता था कि हिंदू धर्म से मोहभंग हुआ या नहीं। इस पूरी प्रक्रिया की वह फोटो खींचता था और वीडियो बनाता था। उसे इस्लामिक देशों की उन संस्थाओं को भेजता था, जो धर्मांतरण के लिए फंड देती थीं। जांच में जुटी एटीएस को ऐसे देशों से फंड मिलने के सुराग भी मिले हैं।
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