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National Herald Case: Sonia-Rahul Gandhi's troubles increase, ED claims fake transactions!
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National Herald Case: सोनिया-राहुल गांधी की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी ने फर्जी लेन-देन का किया दावा!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Wed, 02 Jul 2025 06:45 PM IST
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दरअसल ईडी ने अदालत में दावा किया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण में फर्जी लेन-देन किया गया। असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ईडी की तरफ से अदालत में पेश हुए। एसवी राजू ने बताया कि यंग इंडियन नामक कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया। एजेएल की संपत्ति 2000 करोड़ रुपये है। एजेएल के अधिग्रहण के लिए ही यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को बनाया गया था।
एसवी राजू ने बताया कि एजेएल के निदेशक ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया कि 'वे कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि अखबार का प्रकाशन बंद हो चुका है और उनके पास आय का कोई नियमित साधन नहीं है।' एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा प्रबंधकीय पदों पर थे। राजू ने कहा कि 'कंपनी एजेएल के पास करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसका 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले अधिग्रहण कर लिया गया। यह एक धांधली है, जिसमें कोई असल लेन-देन नहीं हुआ। एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस ने नहीं किया बल्कि यंग इंडियन ने किया। यह एक साजिश के तहत किया गया।'ईडी ने कहा कि कांग्रेस ने न ही ब्याज दिया और न ही जमानत और 90 करोड़ रुपये के कर्ज को सिर्फ 50 लाख रुपये में बेचा गया।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी के इशारे पर यह साजिश रची गई। एसवी राजू ने कहा कि यंग इंडियन में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के 76 प्रतिशत शेयर हैं। नेशनल हेराल्ड की स्थापना पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। इसे कांग्रेस का अखबार माना जाता था। साल 2008 में इसने कर्ज में फंसने के चलते काम बंद कर दिया। साल 2012 में भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी के जरिए धोखाधड़ी से एजेएल की संपत्ति का अधिग्रहण किया है।
इसके बाद ईडी ने इसकी जांच शुरू की। आपको बता दें कि एजेएल पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करता था। राजू ने कहा कि यंग इंडियन बनाने की साजिश रची गई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 76% शेयर थे, ताकि कांग्रेस से लिए गए 90 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पी जा सके। एसजी एस वी राजू ने कहा, "यंग इंडियन ने घोषणा की थी कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी लाभकारी मालिक थे। एएसजी ने कहा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा यंग इंडियन में प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी थे।" एएसजी एसवी राजू ने दलील दी कि 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति वाली कंपनी एजेएल को 90 करोड़ रुपये के लोन के लिए अधिग्रहित किया गया।
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