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Pakistan-Saudi Defence Deal: Is the Saudi-Pak Defence Agreement a cause for concern for India? | AmarUjala |
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Pakistan-Saudi Defence Deal: सऊदी-पाक रक्षा करार, भारत के लिए टेंशन की बात? | AmarUjala |
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Fri, 19 Sep 2025 11:20 AM IST
आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और 'ऑपरेशन सिंदूर' से घबराए पाकिस्तान ने अब दूसरों के सामने अपनी सुरक्षा के लिए मदद की भीख मांगना शुरू कर दिया है। इसके तहत पाकिस्तान और सऊदी अरब ने बुधवार को एक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत किसी भी देश के खिलाफ किसी भी हमले को दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। तो इससे ऑपरेशन 2.0 को लेकर क्या हो सकता है ये सवाल जरूर मन में होगा. दरहसल पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ एक रक्षा समझौता किया है जिसमें कहा गया है कि इनमें से किसी भी देश के विरुद्ध हमला दोनों देशों के खिलाफ हमला माना जाएगा। रियाद दौरे पर गए पाकिस्तान के पीएम शहबाज़ शरीफ और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस साझा समझौते पर हस्ताक्षर किए।
‘खरबों की मानें तो स्ट्रैटीजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ पर जारी संयुक्त बयान में लिखा है कि यह समझौता दोनों देशों के बीच दशकों पुरानी सुरक्षा साझेदारी को और मज़बूत करता है। ज़ाहिर है इस साझा समझौते का असर भारत पर भी पड़ सकता है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इस समझौते पर सधा हुआ बयान दिया। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हम इस समझौते का भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक शांति पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करेंगे, सरकार भारत की राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर कूटनीतिक कवायद के तहत सऊदी अरब, यूके और अमेरिका के दौरे पर हैं। मुनीर ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई देशों का दौरा किया है। पाक सेना प्रमुख ने जून में अमेरिका का दौरा किया था, इसके बाद अगस्त में वो दो महीने से भी कम समय में दोबारा अमेरिका गए। जबकि जुलाई में मुनीर चीन गए थे। यह सारे दौरे मई में भारत से हुए सैन्य संघर्ष के बाद हुए हैं। दरअसल ऑपरेशन सिंदूर में मात खाने के बाद एक तरफ जहां आतंकी तंज़ीमों में दहशत का माहौल है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी हुक्मरान और सेना प्रमुख दुनिया भर में घबराए हुए घूम रहे हैं।
भारत ने कई बार दोहराया है कि ऑपरेशन सिन्दूर अभी खत्म नहीं हुआ है, आतंकियों की कारगुज़ारी पर भारत दोबारा कार्रवाई करेगा। ऐसे में प्रश्न यह है कि किसी आतंकी हमले के बाद यदि भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर कार्रवाई की तो क्या उसकी मदद के लिए सऊदी अरब साथ आएगा या फिर भारत से संबंधों की खातिर तटस्थ रवैया अपनाएगा। ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की और चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया। भारत-पाक संघर्ष की सूरत में यदि अप्रत्यक्ष रूप से पाक का साथ देने वाले देशों के गठबंधन में वृद्धि होती है तो क्या भारत को नये सिरे से सोचने की जरुरत है?
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