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VIDEO : Kalash immersion procession at the conclusion of Shrimad Bhagwat Katha in Nagbani, women played an important role
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VIDEO : नागबनी में श्रीमद्भागवत कथा के समापन पर कलश विसर्जन यात्रा, महिलाओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
जम्मू नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र की वार्ड 65 के नागबनी (मछलियां) में चल रही श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति पर सर्व समाज के आयोजनकर्ताओं द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें लगभग 4500 भक्तों ने पंगत प्रसादी पायी। सर्वप्रथम महामंडलेश्वर महंत नन्द किशोर शास्त्री सहित सभी विद्वान पंडितों द्वारा पूजा-अर्चना करवाई गई और उसके बाद हवन यज्ञ किया गया। इसके बाद भोग लगाकर प्रसादी वितरण प्रारंभ किया गया। जिसमें स्थानीय लोगों सहित आसपास की महिला, पुरुष और बच्चों ने पंगत प्रसादी ग्रहण की। श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन कथा व्यास महामंडलेश्वर महंत नन्द किशोर शास्त्री ने सभी से भक्ति मार्ग से जुड़ने व सत्कर्म करने को कहा। उन्होंने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण व वायुमंडल शुद्ध होने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
इस सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा के समापन पर नागबनी स्थित नाग देवता मंदिर के तालाब से लाए गए पवित्र जल को दुबारा तालाब में कलश विसर्जन यात्रा तक निकाली गई। शुक्रवार को कथास्थल से लगभग एक किमी से कलश विसर्जन शोभा यात्रा में बड़े ही धूमधाम के साथ डीजे धुन के साथ नागबनी तालाब पर पहुंची। महामंडलेश्वर महंत नन्द किशोर शास्त्री ने बताया कि वैदिक रीतियों से कथा अनुष्ठान के समय नागदेवता तालाब से महिलाएं कलश में जल लेकर कथा के पंडाल में रखकर वरुण देवता का आवाहन करते हुए स्थापित किया जाता है।
अनुष्ठान के अंत में वरुण स्वरूप जल को दुबारा नागदेवता तालाब मे विसर्जित किया गया। यह प्राचीन काल से परंपरा चली आ रही है। विसर्जन के बाद अनुष्ठान के कार्यक्रम का अंत हो जाता है। जिसमें मातृशक्ति स्वरूपा महिलाओं की एक अहम भूमिका होती है। इसीलिए कलश विसर्जन शोभा यात्रा में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कराई जाती है। इस दौरान शास्त्री ने शोभा यात्रा में मौजूद लोगों के बीच फल वितरण किया।
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