मध्यप्रदेश के बड़वानी नगर में शनिवार को बड़े स्तर पर सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए इस विवाह सम्मेलन में 387 जोड़ों ने एक ही मंडप में एक साथ सात फेरे लेकर सुखी दांपत्य जीवन की शुरुआत की। इस दौरान नव दंपतियों को आशीर्वाद देने कर्नाटक के राज्यपाल और प्रदेश सरकार के मंत्री सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
बड़वानी की कृषि उपज मंडी में शनिवार का दिन 774 युवक-युवतियों के लिए उस समय बेहद खास बन गया, जब वे सात जन्मों के लिए एक-दूसरे के हो गए। दरअसल, यहां मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत 387 जोड़ों का विवाह कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मौजूद कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और प्रदेश सरकार के प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार ने नव दंपतियों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान मंत्री परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार की इस योजना से बेटियों के अभिभाव को उनके विवाह को लेकर लिए जाने वाले कर्ज से मुक्ति हो गए हैं।
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कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके मंगलमय जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संतों ने सदियों से समाज को सही राह दिखाई है। समाज में व्याप्त छुआछूत और जाति-भेद को दूर करने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने बताया कि सभी विवाह हिंदू रीति-रिवाज से संपन्न हुए।
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राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना चला रही है। इसके तहत स्कूलों में निःशुल्क गणवेश, साइकिल और पाठ्यपुस्तकें दी जाती हैं। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि समाज का दायित्व है कि वह बेटियों और बहनों को सबल और सक्षम बनाने में योगदान दे। उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं को भी स्वयं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए।