दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में ब्यारमा नदी में आई बाढ़ से कई गांव के सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। अब बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। तेंदूखेड़ा के गल्ला व्यापारियों ने 500 बच्चों को कपड़े और कई परिवार को कंबलों का वितरण किया है। वहीं सिविल सोसायटी ने भी पिकअप भरकर खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई है।
बता दें तेंदूखेड़ा ब्लॉक के 18 गांव ऐसे हैं, जहां बाढ़ से काफी हानि हुई है। यहां रहने वाले लोगों के पास न भोजन बनाने की सामग्री बची है न रात्रि में सोने के लिए कपड़े बाढ़ सब कुछ बहा कर ले गई। पहले दिन से ही प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ इसलिए अब ग्राम के हालातों में सुधार हुआ है। उसके बाद सामाजिक संस्थाएं मदद करने पहुंची। शनिवार को कई संस्थाओं के लोग बाढ़ग्रस्त गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुविधा अनुसार सामग्री सौंपी।
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500 जोड़ी कपड़े 300 कंबल दिए
तेंदूखेड़ा के गल्ला व्यापारियों ने बाढ़ग्रस्त गांव पहुंचकर पीड़ित परिवारों को कलेक्टर की मौजूदगी में कंबलों और छोटे छोटे बच्चों के लिए कपड़ों का वितरण किया। व्यापारी भगत जैन, राकेश जैन, हिमांशु जैन, संजय जैन, पहलाद असाटी, भूरे सिंघई जैन समाज के अध्यक्ष भागचंद जैन ने राशि एकत्रित की और उससे कंबल और बच्चों को कपड़े खरीदे। गल्ला व्यापारी चेतन जैन ने बताया कि 18 गांव के 80 प्रतिशत लोग इस आपदा से प्रभावित हुए हैं। गल्ला व्यापारी संघ आगे आया राशि एकत्रित की गई जिससे 500 जोड़ी बच्चों के कपड़े और 300 कम्बल खमतरा और झमरा में उनका वितरण किया। शेष सामग्री प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी है। क्योंकि उनको ज्यादा पता है कि किस परिवार को किस चीज की जरूरत है।
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सिविल सोसायटी ने दिया खाद्यान्न
दमोह से सिविल सोसायटी के सदस्य भी पिकअप में अनाज और खाने का तेल लेकर झमरा गांव पहुंचे। पीड़ित परिवारों से जानकारी लेकर उन्हें सामग्री का वितरण किया गया। जिससे भूखे लोगों के घर भोजन बन सका।
शिक्षा विभाग ने दी सामग्री
शासकीय स्कूलों के शिक्षकों ने भी बाढ़ग्रस्त परिवारों के लिए संगठन के माध्यम से राशि एकत्रित की और उसका वितरण किया। शिक्षकों ने यह सामग्री पीड़ित परिवारों को सौंपी और उनके बच्चों के पुस्तक कापी के संबंध में जानकारी ली। पीड़ित परिवारों ने शिक्षकों को बताया कि तेज बहाव में बच्चों के किताबें बह गई हैं। कई बच्चे तो ऐसे है जिनकी ड्रेस और कपड़े भी नहीं बचे। ब्लॉक शिक्षक संघ के अध्यक्ष गुड्डा लोधी ने बताया कि बाढ़ग्रस्त परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है कई परिवार के पास तो दो वक्त का भोजन भी नहीं बचा है। शिक्षक संघ द्वारा खमतरा, झमरा गांव पहुंचकर तीस परिवार को राशन सामग्री का वितरण किया गया है।
अतिथि शिक्षक ने दिया वेतन
महज थोड़े से मानदेय में काम करने वाले एक अतिथि शिक्षक ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जुलाई माह का वेतन दिया है जो अपने आप में एक सराहनीय पहल है। वहीं शासकीय कर्मचारी भी मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं। दमोह शहर सहित आसपास के क्षेत्रों से संगठन के पदाधिकारी वाहनों में सामग्री लेकर इन गांव में पहुंच रहे हैं और लोगों की खाद्य सामग्री सहित अन्य उपयोगी वस्तुएं प्रदान कर मदद कर रहे हैं। बता दें कि हालही में क्षेत्र में भारी बारिश के चलते अनेक गांव जलमग्न हो गए थे और कई गांव में घर गिर गए फसलें खराब हो गईं लोगों के घरों में रखी गृहस्थी खराब हो गई। जिससे लोगों के पास खाने पीने और रहने का भी संकट खड़ा हो गया है। खासबात यह है कि आपदा पीड़ितों की मदद के लिए ग्राम अधरौटा निवासी अभाना स्कूल में पदस्थ अतिथि शिक्षक सतीश त्रिपाठी ने अपना जुलाई माह का वेतन बाढ़ आपदा पीड़ितों के मदद के लिए समर्पित किया है। ताकि कुछ जरूरतमंदों की मदद हो सके।