दमोह के तहसील ग्राउंड में बुधवार को दशहरा पर्व के मौके पर रावण के 50 फीट ऊंचे पुतले का दहन होगा, जिसमें रंगारंग आतिशबाजी का प्रदर्शन भी किया जाएगा। इस बार की आतिशबाजी शहरवासियों के लिए खास रहने वाली है क्योंकि इसमें गुलाल उड़ने के साथ ही महाभारत और लंका दहन दृश्य सहित अन्य नजारे भी देखने को मिलेंगे। बारिश और आंधी की आशंका ने इस बार के दशहरे में अहंकारी रावण का घमंड तोड़ दिया। बारिश और आंधी को देखते हुए यूपी से आए कारीगरों ने 60 की जगह 50 फीट ऊंचे रावण का पुतला बनाया है।
उत्तरप्रदेश के उरई जालौन निवासी कारीगर केजी प्रकाशचंद, सुरेश कुमार, धीरज कुशवाहा ने बताया कि रावण दहन कार्यक्रम की आतिशबाजी में सबसे खास आसमान से उड़ने वाली गुलाल रहेगी। आतिशबाजी को आसमान में छोड़ा जाएगा फिर आवाज आएंगी और इसके बाद गुलाल उड़ेगी। इसके अलावा गोल्डन फव्वारा, कमल फूल, गुलाब बाग, वर्धमान, आसमानी गोला जिसमें रंगीन हल दिखेगा, मोरपंख सहित त्रिचंदा अर्थात तीन चरखी का नजारा भी देखने को मिलेगा।
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रावण के पुतला का निर्माण कर रहे कलाकार छोटे शेख, अजीम शेख, अजहर शेख बताते हैं कि वे पिछले 45 साल से यहां रावण का पुतला बना रहे हैं। 10 सिर वाले रावण के पुतला निर्माण में बांस के साथ ही अन्य सामग्री लगती है। इसके लिए बांस के 20 गट्टे मंगाए गए हैं। एक गट्टा में 12 बांस होते हैं। हालांकि इनकी साइज 10 फीट, 12, 15 और 16 फीट होती है।
श्री राम जी सेवा समिति के सेवादार अनुनय श्रीवास्तव ने बताया कि रावण दहन का ये 45वां वर्ष है। रावण दहन कार्यक्रम 1 अक्टूबर को तहसील मैदान पर गोधूलि बेला से प्रारंभ होकर रात 10:30 बजे तक श्री राम जी सेवा समिति के अध्यक्ष पवन पुत्र हनुमान जी की अध्यक्षता में सफल होगा। इसके बाद प्रभु श्री रामजी अग्नि बाण से 50 फीट ऊंचे अहंकार और अधर्म के प्रतीक रावण के पुतले का दहन करेंगे। मोरगंज गल्ला मंडी से भगवान श्री राम अपने विजयी रथ पर सवार होकर तहसील ग्राउंड पहुंचेंगे, जहां आतिशबाजी के साथ राम-रावण का युद्ध होगा और फिर रावण दहन कार्यक्रम संपन्न होगा।