दमोह जिले में भले ही मानसून ने दस्तक दे दी है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में अभी भी जलसंकट बना हुआ है। जिले की जबेरा जनपद की ग्राम पंचायत परासई में जलसंकट से परेशान ग्रामीणों ने शुक्रवार को खाली बर्तन से पंचायत का घेराव कर दिया।
महिलाएं, युवा, बुजुर्ग, बच्चे पानी के खाली बर्तन लेकर ग्राम पंचायत कार्यालय पहुंचे और घेराव करते हुए दो घंटे तक प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में पेयजल की बहुत समस्या है। ग्रामीण पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। ग्राम पंचायत द्वारा दो माह पहले नाली निर्माण के लिए जेसीबी से खुदाई करवाई गई थी। इसमें पेयजल पाइप लाइन टूट गई थी। ग्राम पंचायत के द्वारा सुधार कार्य नहीं करवाया गया है और न ही जल निगम के अधिकारियों द्वारा इस समस्या पर ध्यान दिया गया है।
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ग्रामीणों का कहना है कि पेयजल पाइप लाइन फूट जाने से पानी की सप्लाई बंद है। इससे लोगों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ता है। पूरा गांव पेयजल की समस्या से परेशान है, जिस पर ग्राम पंचायत द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया है। बुजुर्ग महिला रामसखी ने कहा उन्हें काफी दूर से पानी भरकर लाना पड़ रहा है। उम्र के चलते अब उनमें इतनी ताकत नहीं है कि वह पैदल चल सकें, पेयजल की समस्या दो माह से बनी हुई है। जब जिम्मेदार लोगों ने ग्रामीणों की पानी की समस्या का समाधान नहीं किया, तो मजबूरन ग्राम पंचायत कार्यालय का घेराव प्रदर्शन करना पड़ा। ग्रामीण अपने हाथ में खाली बर्तन लेकर नारेबाजी करते हुए पंचायत भवन तक पहुंचे। काफी देर चले प्रदर्शन के बाद में सरपंच लेखन आदिवासी मौके पर पहुंचे और पेयजल पाइपलाइन सुधार कार्य करवाने का आश्वासन दिया गया। इसके बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन बंद किया।
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हैरानी की बात तो यह है कि दो माह से ग्रामीण पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं और ग्राम पंचायत परासई के सरपंच, सचिव ने नाली निर्माण के दौरान टूटी पाइपलाइन के सुधार कार्य की सुध नहीं ली और न ही जल जीवन मिशन के अधिकारियों ने ग्राम पंचायत से पाइपलाइन सुधार कार्य के लिए कोई प्रयास नहीं किया।
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