मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के मठ-मंदिरों के साधु-संत और पुजारी सरकार एक फरमान से नाराज है। इसमें मंदिरों की कृषि भूमि को नीलाम किया जा रहा है। ऐसे में आज ग्वालियर-चंबल संभाग के माफी औकाफ से जुड़े मंदिरों के पुजारियों ने कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट बरिश में धरना शुरू कर दिया है। एक नहीं, दो नहीं... बल्कि 500 से ज्यादा पुजारी धरने पर बैठ। कलेक्टर उन्हें मनाने के लिए पहुंचीं, लेकिन नही माने, वो चाहते हैं सरकार ये आदेश वापस ले।
जमीनों पर माफिया के कब्जे की खबरें तो आपने आए दिन पढ़ी होंगी, लेकिन इंसान के साथ अब भगवान की जमीन पर भी माफिया का निगाह लग गई है। कब्जे से बचाने और छुड़ाने में प्रशासन नकामयाब रहा है, जो सरकार इन मंदिरों से जुड़ी कृषि जमीनों को नीलाम कर रहा है। ग्वालियर जिले में सरकारी अमले की देखरेख वाले मंदिरों की संख्या 865 को चिंहित किया गया है। ऐसे में जैसे ही खबर मठ-मंदिरों के साधु-संत और पुजारियों को लगी है तो उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
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आज सुबह से ग्वालियर की कलेक्ट्रेट पर मठ-मंदिरों के साधु-संत और पुजारियों का जमावड़ा शुरू हो गया। इसके बाद, बारिश में उन्होंने कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वारा पर धरना शुरू कर दिया। हाथों में शंख है.... ओर मजीरे लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वो कह रहे हैं, सरकार अपना आदेश वापस ले। क्योंकि जो मंदिरों की है। उसे वे मंदिर की देख-रेख में लगाते हैं, साथ ही अपने परिवार का पालन पोषण भी करते हैं।
मध्य प्रदेश के 16 जिलों में माफी औकाफ के 52 हजार से ज्यादा मंदिर हैं। इनकी देखरेख सरकारी अफसर ग्वालियर से करते हैं। माफी औकाफ के मंदिर ग्वालियर संभाग के ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर एवं चंबल संभाग के मुरैना, भिण्ड व श्योपुर के अलावा उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर, धार, विदिशा, नीमच, आगर मालवा और देवास जिलों में हैं। ग्वालियर जिले में 865 मंदिर है, माफी मंदिरों पर 20377 बीघा भूमि है, जिनमें 20 से ज्यादा शहर में हैं। नए नियम में माफी औकाफ से जुड़े मंदिरों की 35% जमीन का रकबा 4 हेक्टेयर से अधिक अर्थात 20 बीघा से ज्यादा है। यहां जमीनों पर कब्जा न हो, इसलिए अब चार हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले मंदिरों से लगी कृषि भूमि नीलाम कर रही है।निर्णय क्षेत्र के तहसीलदार लेंगे। वे दोनों फसल सीजन के लिए जमीन नीलामी पर देंगे। इसके बदले जो पैसा आएगा, उसे मंदिर के खाते में जमा कराएंगे। इससे ही जर्जर मंदिर की मरम्मत होगी।
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इसमें सबसे खास बात यह है कि यदि किसी मंदिर की भूमि पर कोई कब्जा करके रखता है, या फिर नीलामी बाद भी कब्जा नहीं छोड़ता है। तो संबंधित पर एक लाख रुपए के जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल सोमवार को ग्वालियर, डबरा, दतिया, शिवपुरी, नरवर, करेरा और भितरवार के करीब 500 पुजारी और महंतों ने आज से विरोध शुरू कर दिया है।