केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ग्वालियर में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। बंद कमरे में दोनों के बीच 45 मिनट तक चर्चा हुई। दो साल बाद शिवराज और संघ प्रमुख की यह मुलाकात हुई, लेकिन शिवराज इस पर कुछ भी नहीं बोले। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर मीडिया के सवाल पर शिवराज ने कहा कि मैंने इस बारे में न कभी सोचा और न सोच सकता हूं।
मीडिया के सवालों के जवाब में शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें ग्रामीण विकास और कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है, जिसे पूरे मन से कर रहे हूं। बता दें, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी प्रमुख रूप से चल रहा है, लेकिन शिवराज इस पर कुछ भी नहीं बोले और अपने मंत्रालय के कार्यों पर ही फोकस रखा।
जैव उत्तेजक पदार्थ बनाने वाली कंपनियों को दी चेतावनी
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फसलों में उपयोग होने वाले बायोस्टिमुलेंट यानी जैव उत्तेजक पदार्थ बनाने वाली कंपनियां को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां हैं, जो बायोस्टिमुलेंट बनाकर किसानों को खरीदने का दबाव बनाती हैं। जब वे कृषि मंत्री बने तो उन्होंने देखा कि इससे उत्पादन बढ़ता है या नहीं, तो इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं निकला।शिवराज ने यह भी कहा कि तीन आईसीआर संस्थान या कृषि विश्वविद्यालय बायोस्टिमुलेंट का फसल में प्रयोग करके देखेंगे कि इनसे उत्पादन बढ़ रहा है या नहीं।
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उन्होंने यह भी कहा कि जब यह प्रोटोकॉल बनाया तो 30,000 में से 22,000 कंपनियां तो भाग ही गईं। वे अपने उत्पादों का परीक्षण कराने ही नहीं आईं अब जो बची है, उनकी स्वीकृति तीन आईसीआर संस्थान या एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी अलग-अलग प्रयोग करके देखेंगे, जब उत्पादन बढ़ेगा तभी उनको बेचने की अधिकृत अनुमति दी जाएगी। बता दें, बायोस्टिमुलेंट सूक्ष्मजीवों का एक वर्ग है जो पौधों की प्राकृतिक विकास प्रक्रियाओं को बढ़ाता है, जिससे पोषक तत्वों के उपयोग में सुधार होता है, लेकिन इसके नाम पर कई कंपनियां किसानों को धोखा दे रही हैं।
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