हरदा जिला प्रशासन द्वारा गुटखा, पाउच और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर जारी प्रतिबंध आदेश के बावजूद कॉलेज और स्कूलों के पास खुलेआम तंबाकू का सेवन जारी है। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार का तंबाकू उत्पाद बेचना या सेवन करना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों-शिक्षकों को तंबाकू निषेध की शपथ भी दिलाई गई थी।
इसके बावजूद कॉलेज परिसरों की दीवारें और खिड़कियां गुटखे की पिचकारियों से लाल नजर आ रही हैं। कॉलेज के मुख्य गेट पर ही गार्ड फिल्मी अंदाज में गुटखा और पाउच मिलाते हुए नजर आते हैं। यह नजारा प्रशासनिक सख्ती और कॉलेज प्रबंधन की जिम्मेदारी दोनों पर सवाल खड़ा करता है।
हालांकि कॉलेज प्रबंधन ने जगह-जगह नोटिस बोर्ड लगाकर तंबाकू सेवन पर रोक का दावा किया है, लेकिन हकीकत इससे बिलकुल उलट है। कॉलेज में खुलेआम गुटखा खाते दिखाई देते हैं, और अब सवाल उठ रहा है कि क्या कॉलेज प्रबंधन की ओर से मिलीभगत चल रही है?
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प्रतिबंध आदेश के बाद भी अब तक किसी भी गुटखा सेवन करने वाले या विक्रेता पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन की इस लापरवाही से छात्र-छात्राओं में गलत संदेश जा रहा है। क्या जिले में तंबाकू निषेध सिर्फ आदेशों तक सीमित है या इसके पालन की कोई मंशा है?