धान घोटाला कर सरकार को 521 लाख रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले 5 धान उपार्जन सोसायटियों के 22 व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। इन पांच धान उपार्जन केंद्रों में जांच के दौरान लगभग 2268 मीट्रिक टन धान कम पाई गई। जिसके बाद प्रशासन की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
जांच में सामने आया घोटाला
गौरतलब है कि जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर धान उपार्जन सोसायटियों द्वारा खरीदी और भंडारित धान की जांच की गई थी। इस दौरान पांच उपार्जन सोसायटियों में 2268 मीट्रिक टन धान का घोटाला सामने आया।
कौन-कौन से उपार्जन केंद्रों में धान कम पाई गई?
- नर्मदा एग्रो कालाडूमर (तहसील पनागर) – 7194.79 क्विंटल धान कम, अनुमानित मूल्य 1.65 करोड़ रुपये।
- मॉ रेवा वेयरहाउस (मझौली) – 6068.59 क्विंटल धान कम, अनुमानित मूल्य 1.40 करोड़ रुपये।
- जय भवानी वेयरहाउस (मझौली) – 1134 क्विंटल धान कम, अनुमानित मूल्य 26 लाख रुपये।
- गुरुजी वेयरहाउस (पाटन) – 5618.60 क्विंटल धान कम, अनुमानित मूल्य 1.29 करोड़ रुपये।
- षुभी एग्रो वेयरहाउस (सिमरिया, पनागर) – 2672.25 क्विंटल धान कम, अनुमानित मूल्य 61.50 लाख रुपये।
22 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों की शिकायत पर पांच धान उपार्जन सोसायटियों के खिलाफ संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने इन पांचों सोसायटियों के 22 व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।