मध्यप्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में इन दिनों गणगौर महोत्सव की धूम मची हुई है। भगवान शिव और माता पार्वती रूपी ईसर-गणगौर की पूजा करते हुए महिलाएं "गौर-गौर गोमती, ईसर पूजे पार्वती..." जैसे लोकगीत गा रही हैं और अखंड सौभाग्यवती होने की कामना कर रही हैं।
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शनिवार को एक ओर जहां दशोरा नागर समाज की महिलाओं ने समाज की धर्मशाला में पूजा-अर्चना की, वहीं दूसरी ओर श्रीनाथ कॉलोनी की महिलाओं ने भी अलग-अलग स्थानों पर फूलपाती का आयोजन किया। इस दौरान, शाम करीब 4 बजे समाज की महिलाएं परिसर में इकट्ठा हुईं और बैंड-बाजों के साथ बाना भी निकाला, जिसमें दूल्हा और दुल्हन आकर्षण का केंद्र रहे। इसके साथ ही, यहां झालरिया गीतों के माध्यम से धणियर राजा और रणुबाई की आराधना की गई। इस दौरान, महिलाओं ने "कबाड़े" यानी कहावतें भी कही। आनंद और उत्साह के साथ मनाए गए फूलपाती के आयोजन में लोक संस्कृति का उल्लास जमकर नजर आया।
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गौरतलब है कि गणगौर पर्व विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इसी कारण, महिलाएं सोलह श्रृंगार में सजी-धजी इस आयोजन में शामिल होने पहुंचीं। उन्होंने उल्लासपूर्वक फूलपाती खेली। यह पर्व निमाड़ और मालवा में 16 दिनों तक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। भजन-कीर्तन किए जाते हैं और तमोला बांटा जाता है। समूचे आयोजन में भजन और जयकारे गूंजते रहते हैं।
फूलपाती का कार्यक्रम
दशोरा समाज की कविता गुप्ता ने बताया कि गणगौर उत्सव के तहत फूलपाती का कार्यक्रम हो रहा है, जो हर साल महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। अब यह उत्सव दो से तीन दिनों में समाप्त होने वाला है। उन्होंने बताया कि माता की बाड़ी भी यहां बोई जा चुकी है। अलग-अलग वेशभूषा में धणियर राजा और रणुबाई का रूप धारण कर आईं महिलाओं ने विशेष श्रृंगार किया। अभी माता को झालरिया अर्पित की गई हैं, और इसके बाद महिलाएं महादेव मंदिर जाकर तमोला बांटेंगी और नाच-गाने के साथ फूलपाती खेलेंगी।