{"_id":"66c54b5bca9ea02f4e033d38","slug":"khargone-a-farmer-going-to-his-field-was-swept-away-along-with-his-bullock-cart-in-the-strong-current-of-the-river-khandwa-news-c-1-1-noi1224-2017311-2024-08-21","type":"video","status":"publish","title_hn":"Khargone: खेत जा रहा किसान बैलगाड़ी सहित नदी की तेज धार में बहा, लोग बोले- पहले भी हो चुके ऐसे 5-6 हादसे","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Khargone: खेत जा रहा किसान बैलगाड़ी सहित नदी की तेज धार में बहा, लोग बोले- पहले भी हो चुके ऐसे 5-6 हादसे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Wed, 21 Aug 2024 08:10 AM IST
खरगोन जिले के गोगावां थाना अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचल में बह रही दो नदियों कुंदा-वेदा नदी के संगम में मंगलवार को एक किसान की बैलगाड़ी सहित डूबने से मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम सिप्टान निवासी किसान दिलीप यादव गांव से नदी की दूसरी ओर स्थित खेत पर रोजाना की तरह जा रहा था। इसी दौरान यह दर्दनाक हादसा हो गया। हादसे में एक बैल की भी मौत हुई है। बैलगाड़ी सहित डूब रहे किसान को ग्रामीणों ने बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन वे विफल रहे।
वहीं, किसान की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। इधर, ग्रामीणों ने वर्षों से चली आ रही पुल निर्माण की मांग पूरी नही होने से नाराजगी भी जताई है। उनका कहना है कि नदी पर पुल होता तो यह हादसा नहीं होता। इसके लिए उन्होंने कई बार सरकार से गुहार भी लगाई है। वहीं, स्थानीय विधायक सचिन यादव से पिछले करीब 15 सालों से वे पुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है।
बताया जा रहा है कि इसके पहले भी इसी तरह के 5 से 6 हादसे इसी स्थान पर किसानों के साथ हो चुके हैं, जिसको लेकर किसानों में काफी आक्रोश भी देखा गया। वहीं, मृतक के परिजन और स्थानीय किसान बबलू यादव ने बताया कि यह हमारे गांव के किसान थे, जिनका नाम दिलीप यादव पिता गणपति यादव था। वे अपने खेत पर जाने के लिए निकले थे, पर बीच में जहां वेदा और कुंदा का गहरा संगम है वहां पर तेज बहाव रहता है। पर उससे डर के किसान लोग अपनी खेती तो छोड़ नहीं सकते, इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि, वहां पर पुल का निर्माण करे। क्योंकि इसी तरह के सिप्टान गांव में 5 से 6 हादसे हो चुके हैं और अब यह अंतिम हादसा हो जिससे कोई भी किसान इस तरह की आकस्मिक मौत नहीं मरे।
खेत में दवाई छिड़कने जा रहा था किसान
वहीं मृतक किसान के भाई निर्मल यादव ने बताया कि हमारे सिप्टान गांव से बाहर बिल खेड़ा गांव में आधे से अधिक गांव वालों की जमीन है, इसलिए हमने सरकार से कई बार गुहार लगाई कि हमें वहां पुल चाहिए, क्योंकि यह पहला हादसा नहीं है इसके पहले 5 से 6 हादसे हो चुके हैं और हर बार बैलगाड़ी बहने से इस तरह का हादसा हो रहा है। अभी भी हमारे भैया सुबह खेत में दवाई छिड़कने जा रहे थे और बैलगाड़ी के साथ वह बह गए। उस जगह पानी बहुत गहरा है और पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।