मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला प्रदेश के पिछड़े जिलों की सूची में शामिल है। जहां पूर्व से चली आ रही कुप्रथाएं तो अपनी जगह है ही। वहीं, छोटी-छोटी बातों पर होने वाली रंजिश किसी का गांव और शहर से जाने पर भी पीछा नहीं छोड़ती। कुछ ऐसा ही मामला बुधवार को राजगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर बसे करेड़ी गांव में देखने को मिला। जहां मजदूरी करने के लिए अपने दामाद के साथ घर से निकली एक महिला की पुरानी रंजिश ने जान ले ली।
जानकारी के मुताबिक, यह पूरा घटनाक्रम करेड़ी गांव में बुधवार की दोपहर का बताया जा रहा है। जहां नाली के विवाद को लेकर एक ही परिवार के लोगों के बीच पूर्व से चली आ रही आपसी रंजिश में हुई मारपीट में एक महिला अपनी जान से हाथ धो बैठी। कोतवाली थाना प्रभारी वीर सिंह ठाकुर के मुताबिक ये पूरा मामला कांसी गांव के एक ही परिवार के लोगों के बीच नाली को लेकर है और इसी विवाद के कारण पप्पू अपने ससुराल समलाबे में रहने लगा और वहीं से छह लोग सोयाबीन की फसल काटने के लिए करेड़ी गांव के पास में स्थित कोलुखेडी गांव जा रहे थे।
उसी बीच करेड़ी गांव में इन लोगों के साथ कैलाश और उसके साथी दस अन्य लोगों ने रास्ता मारपीट की है, जिसकी सूचना के पश्चात घायलों को अस्पताल लाया गया। जहां उनका उपचार चल रहा है। वहीं, चिकित्सकों ने एक महिला बादाम बाई को मृत घोषित कर दिया, जिनका पीएम कराया गया है और उस पर हम वैधानिक कार्रवाई कर रहे हैं। दस लोगों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है।
दरअसल, इस विवाद की शुरुआत पूर्व में कांसी गांव से हुई थी। जहां कैलाश तंवर की ट्यूबवेल का पानी पप्पू तंवर के घर के अन्दर जाता था। इसी बात को लेकर कहासुनी और मारपीट हुई थी। उसी सिलसिले में पप्पू तंवर, सुरेश, विष्णु और लखन चार दिन के लिए जेल में भी रहे थे। इसके बाद से वह अपने ससुराल समलाबे में ही रह रहा था और वहीं से छह लोग दो बाइक पर सवार होकर सोयाबीन की फसल काटने के लिए निकले थे। जहां करोड़ी गांव में कैलाश तंवर और उसके दस साथियों ने उनका रास्ता रोककर उन पर हमला बोल दिया, जिसमें बादाम बाई की मौत हो गई और नारायणी बाई, लखन, विष्णु और पप्पू घायल हो गए।