केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (एनसीबी) इंदौर की टीम ने रतलाम के महू-नीमच हाईवे से लगे ग्राम सेजावता क्षेत्र में स्थित एक गोदाम पर छापा मार कर अवैध रूप से अल्प्राज़ोलम बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। टीमों ने गोदाम से 13.762 किलोग्राम अल्प्राज़ोलम व उपकरण जब्त किए हैं। जब्त अल्प्राज़ोलम की अनुमानित कीमत 3.44 करोड़ रुपए बताई गई है। मामले में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को रविवार शाम न्यायालय में पेश किया गया तथा जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराया गया। इस दौरान आरोपी मुंह छिपाते रहे।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर के जोनल निदेशके रितेश रंजन द्वारा जारी प्रेस रिलीज के अनुसार अवैध नशीली दवाओं के निर्माण के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), इंदौर जोनल यूनिट ने ग्राम सजेवता क्षेत्र में स्थित एक गुप्त प्रयोगशाला पर छापा मारकर अल्प्राज़ोलम (पाउडर रूप में) के अवैध निर्माण का भंडाफोड़ किया है। विश्वसनीय खुफिया सूचना के आधार पर एनसीबी टीमों ने उक्त गोदाम और तस्करों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी, इसके बाद दबिश दी गई। दबिश के दौरान वहां से 13.762 किलोग्राम अल्प्राज़ोलम जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित कीमत 3.44 करोड़ रुपए है। साथ ही नशीले पदार्थ के अतिरिक्त उक्त गुप्त फैक्ट्री में उपयोग किए जा रहे उपकरण व रासायनिक पदार्थ और सॉल्वेंट्स भी जब्त किए गए हैं, जिनमें कंडेंसर, स्टिरर, थर्मामीटर, 7.5 लीटर एथाइल एसीटेट, 2.5 लीटर आइसोप्रोपाइल अल्कोहल टोल्यून, 40 लीटर मेथेनॉल, 7.5 लीटर क्लोरोफॉर्म 7.5, 500 मिली लीटर ग्लेशियन एसिटिक एसिड, 500 मिकी मित्र, डाइक्लोरिक एसिड (500 मिली) आदि शामिल है। अवैध निर्माण में शामिल आरोपी 51 वर्षीय रूप सिंह चौहान व 39 वर्षीय अभिजीत सिंह चौहान को गिरफ्तार किया गया है।
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तेलंगाना जेल में बंद रहा चुका है रूपसिंह चौहान
आरोपी रूप सिंह चौहान ने श्री वैष्णव इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस, इंदौर से बी टेक की पढ़ाई की है। इसने पहले विल्सन फार्मा (धार) और श्रीधारा लाइफ साइंसेज प्रा.लि. (रुड़की) जैसे कई फार्मास्यूटिकल उपक्रम संचालित किए। इसके विरुद्ध वर्ष 2021 में तेलंगाना राज्य आबकारी विभाग द्वारा अल्प्राज़ोलम की वाणिज्यिक मात्रा की अवैध तस्करी का एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें ये संगारेड्डी जेल में कारावास भुगत चुके हैं। वर्तमान में ये जमानत पर रिहा थे। वहीं अभिजीत सिंह चौहान ने ऋषिराज कॉलेज ऑफ फ़ार्मेसी, इंदौर से बी फार्मा की पढ़ाई की है। अभिजीत पहले इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी, रतलाम से जुड़ा हुआ था, बाद में रूप सिंह चौहान के साथ मिलकर फ़ार्मास्यूटिकल एवं आयुर्वेदिक उत्पादों के व्यवसाय में साझेदार बन गया।
कई माह से कर रहे थे अवैध निर्माण
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो इंदौर के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि दोनों आरोपियों ने अपनी फ़ार्मास्यूटिकल पृष्ठभूमि और उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग करते हुए एनडीपीएस अधिनियम के अंतर्गत नियंत्रित साइकोट्रॉपिक पदार्थ अल्प्राज़ोलम का अवैध निर्माण किया है। वे जनवरी 2025 से ग्राम सेजावता में किराए के गोदाम में अवैध निर्माण कर रहे थे। उनके आपूर्ति तंत्र, वित्तीय लेन-देन एवं संभावित अंतरराज्यीय नेटवर्क की पहचान की जांच की जा रही है। एनसीबी ने नागरिकों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति नशीली दवाओं की बिक्री से संबंधित जानकारी राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन मानस (टोल-फ्री नंबर 1933) पर साझा कर सकता है।