विंध्य की राजनीति में पंडित श्रीनिवास तिवारी का नाम सुर्खियों में रहता है। कहा जाता है कि उन्होंने कभी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को रीवा में उतरने तक की चुनौती दे डाली थी। अब उनके ही अंदाज़ को दोहराते हुए मऊगंज के पूर्व विधायक सुखेन्द्र सिंह बन्ना ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
किसानों की पीड़ा खाद संकट आवारा मवेशी और जनता की आवाज उठाने वाले पत्रकारों के खिलाफ गढ़े जा रहे फर्जी मुकदमे को मुद्दा बनाया। बन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री चाहे कितनी भी रैलियां करें और कितने भी बड़े दावे पेश करें, क्षेत्र के किसान अब मानने वाले नहीं हैं। किसानों की हालत बेहद खराब है।
भ्रष्टाचार और दमनकारी नीति पर तीखा वार
किसानों को समय पर खाद नहीं मिल पा रही आवारा मवेशियों से उनकी फसलें चौपट हो रही हैं, शासन-प्रशासन की योजनाएं केवल कागज़ों तक सीमित रह गई हैं। पूर्व विधायक ने जिला प्रशासन और सरकार पर जमकर प्रहार किया। उनका आरोप है कि भ्रष्टाचार चरम पर है। अफसरों के दफ्तरों में बिना चढ़ावा दिए कोई काम नहीं होता। छोटे किसान और गरीब जनता चक्कर लगाती रहती है, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं होती।
बन्ना ने अपनी बात को और धार देते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग सच्चाई लिखने वाले पत्रकारों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। फर्जी केस थोपकर लोकतंत्र की आवाज़ को कुचलने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व विधायक की हुंकार से विंध्य की राजनीति में नई हलचल
सुखेन्द्र सिंह बन्ना की इस चुनौती ने मऊगंज की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। लोग इसे पंडित श्री निवास तिवारी की राजनीति की याद से जोड़कर देख रहे हैं।
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