देशभर में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसके लिए सभी जगह भगवान गणेश की तरह-तरह की मूर्तियां विराजित की गई हैं। वहीं, उज्जैन में लौंग और इलायची से बने गणेश जी की भव्य प्रतिमा महाकाल इंटरनेशनल चौराहे पर स्थापित की गई है। यह प्रतिमा 21 फीट ऊंची है। इसमें करीब सवा लाख लौंग और सवा लाख इलायची का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह प्रतिमा क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
प्रतिमा में भगवान गणेश के शरीर की आकृति लौंग से तैयार की गई है, जबकि भगवान का श्रृंगार यानी आभूषण और पहनावा इलायची से बनाया गया है। यह प्रतिमा महाकाल मंदिर में विराजित की गई है, जिससे पूरा परिसर लौंग और इलायची की खुशबू से महक रहा है। महाकाल वन के युवराज को देखने सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
आयोजनकर्ता ऋषभ बाबू यादव ने बताया कि हर साल गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हमें यह आयोजन करते-करते लगभग 12 साल से ज्यादा हो गए हैं। 12 साल से बड़ी प्रतिमाएं पंडाल में विराजित की जा रही हैं। इससे पहले हर साल छोटी प्रतिमा विराजित की जाती थी। 55-60 वर्षों से इस स्थान पर श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित हो रही है, लेकिन अब युवा पीढ़ी ने यहां बड़ी प्रतिमाएं विराजित करना शुरू किया है।
ऋषभ ने बताया कि महाकाल वन के युवराज की फोटो और वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में हैं। दूर-दूर से भक्त इस प्रतिमा को देखने आ रहे हैं। पिछले साल सुपारी से बनी प्रतिमा को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में दर्ज किया गया था और सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया था।
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बप्पा को लगता है अलग-अलग भोग
महाकाल वन के युवराज को प्रतिदिन अलग-अलग प्रकार का भोग लगाया जाता है। इनमें मोदक का महाभोग, फलों का मनोरथ भोग और फलाहारी का महाभोग शामिल है, जो शाम की आरती के बाद चढ़ाया जाता है।
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