समाज को नशे की बुराई से मुक्त कराने के उद्देश्य से रीवा पुलिस द्वारा “ऑपरेशन प्रहार 2.0” अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है। “Say No to Drugs” के संदेश के साथ यह अभियान युवाओं को नशे से दूर रखने और जिले को नशामुक्त बनाने की दिशा में बड़ी पहल साबित हो रहा है।
अभियान के तहत रीवा पुलिस ने कोरेक्स, गांजा, स्मैक, ब्राउन शुगर और अन्य नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। नशे के सौदागरों के ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है और कई आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं।
लेकिन अब यह कार्रवाई केवल नशा बेचने वालों तक सीमित नहीं रहेगी। सूत्रों के अनुसार, ऐसे पुलिसकर्मियों की भी पहचान की जा रही है जो नशे के सौदागरों से लेन-देन करते हैं या किसी भी रूप में उन्हें बढ़ावा देते हैं। इन पुलिसकर्मियों की सूची तैयार की जा चुकी है और उन पर जल्द ही सख्त departmental action की संभावना जताई जा रही है।
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रीवा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IG) गौरव राजपूत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “नशे के कारोबार में संलिप्त किसी भी व्यक्ति — चाहे वह आम नागरिक हो या पुलिस विभाग का कर्मचारी — को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की वर्दी पहनने वाले को आदर्श बनना चाहिए, न कि अपराधियों का संरक्षण करने वाला।”
आईजी गौरव राजपूत ने यह भी कहा कि “ऑपरेशन प्रहार 2.0” सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि समाजिक आंदोलन है। इसका उद्देश्य युवाओं को नशे की दलदल से बाहर निकालना और रीवा को नशामुक्त जिला बनाना है। रीवा पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे नशे के खिलाफ इस जंग में पुलिस का साथ दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या निकटतम थाने में दें।