Sehore news: पीएमश्री स्कूल के प्राचार्य पर ढाई लाख रुपये के गोलमाल का आरोप, जांच में सही निकला मामला, होगी कार्रवाई
Sehore News: शिक्षा के मंदिर भी भ्रष्टाचार से अछूते नहीं, प्राचार्य पर ढाई लाख गोलमाल का आरोप, जानें मामला
मध्यप्रदेश के लगभग हर विभाग में भ्रष्टाचार की जड़े बहुत अन्दर तक जम चुकी हैं। शिक्षा के मंदिर भी भ्रष्टाचार से अछूते नहीं रहे हैं। सीहोर जिले के चैनपुरा गांव स्थित शासकीय पीएमश्री हाई स्कूल में ऐसा ही मामला उजागर हुआ है। स्कूल के प्राचार्य आलोक शर्मा को निर्माण कार्यों के लिए करीब 10 लाख रुपये का आंवटन हुआ था। इसमें से प्राचार्य ने तकरीबन 2 लाख 65 हजार की राशि का लेखा जोखा पोर्टल पर नहीं भेजा। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर डीईओ ने डीपीआई को कार्रवाई के लिए लिखा है।
जानकारी के अनुसार पीएमश्री हाईस्कूल चैनपुरा में करीब दस लाख रुपये का निर्माण कार्य होना था। इसके संबंध में जानकारी लगने पर ग्रामीणों ने स्कूल की जर्जर हालत को देखकर सवाल उठाने शुरू किए। जब उन्होंने गहराई से जानकारी जुटाई तो पाया कि शासन द्वारा स्कूल की मरम्मत, रंगाई-पुताई, दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए लगभग दस लाख रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके बाद भी स्कूल भवन की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक नजर आ रही थीं, खिड़कियां टूटी हैं। दरवाजे जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं। दीवारों से प्लास्टर उखड़ चुका है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी राशि आने के बाद कहां खर्च कर दी गई।
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निजी और रिश्तेदारों के खातों में राशि जमा करने के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि प्राचार्य आलोक शर्मा ने शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए उसे अपने निजी खाते और अपने रिश्तेदारों के खातों में राशि स्थानांतरित कर ली। इसकी ग्रामीणों ने सीहोर कलेक्टर और शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल की बुनियादी सुविधाओं के नाम पर बड़ी लापरवाही बरती गई है। शिकायत होने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अन्य पीएमश्री स्कूल के तीन प्रचार्य की टीम गठित कर जांच के लिए आलोक शर्मा के पास भेजा तो टीम के सामने आलोक शर्मा 2 लाख 65 हजार 669 रुपये की राशि का लेखाजोखा नहीं दे पाए। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख कर जांच जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप दी है। उस जांच रिपोर्ट को जिला शिक्षा अधिकारी ने कलेक्टर ओर राज्य शिक्षा संस्थान को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेज दी है। जांच हुए तकरीबन एक माह बीत जाने के बावजूद प्राचार्य आलोक शर्मा पर कोई कार्रवाई का न होना अपने आप में कई प्रश्न खड़े कर रहा है।
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प्राचार्य बता रहे अपने आपको बेगुनाह
इस संंबंध में स्कूल के प्राचार्य आलोक शर्मा के अपने तथ्य हैं और वो अपने आप को बेगुनाह बता रहे हैं। टोटल दस लाख की राशि खर्च की गई है। इसके बाद भी उनका चार माह का वेतन रोका गया है और डीईओ उन्हें अनावश्यक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा
इस संबंध में डीईओ संजय सिंह तोमर का कहना है कि जांच मामले की करीब दो माह पहले शिकायत मिली थी। मामले में पीएमश्री स्कूल के तीन प्राचार्यों की जांच समिति बनाकर जांच कराई गई थी। जांच में करीब 2 लाख के ऊपर की विसंगति पाई गई है। जिसके संबंध में हमने प्राचार्य आलोक शर्मा को नोटिस दिया गया, जिसका उन्होंने समाधान कारक जवाब नहीं दिया। इसके संबंध में हमने कलेक्टर के संज्ञान में जानकारी दी है। इसके अलावा प्रस्ताव आयुक्त भोपाल संभाग को भेज दिया है।