मऊगंज जिले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व संगठन मंत्री भगवान सिंह राजपूत मेवाड़ा पर नाबालिग आदिवासी लड़की से छेड़खानी और यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में पुलिस ने पास्को एक्ट, एससी-एसटी एक्ट सहित भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
पीड़िता के पिता ने कहा, "मेरी बेटी बहुत डरी हुई थी। उसने हिम्मत जुटाकर हमें पूरी घटना बताई। आरोपी प्रभावशाली व्यक्ति है और हमें डर है कि वह हमारे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है। हम बस न्याय चाहते हैं।"
एडिशनल एसपी अनुराग पांडे ने बताया, भगवान सिंह राजपूत और एक अन्य आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 70(2), 63, 64(1)(2), 65(1), 296, 115, 351(2) के साथ पास्को एक्ट की धारा 3/4 और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच जारी है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी होगी। कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी लग चुके हैं आरोप
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब भगवान सिंह राजपूत पर ऐसा आरोप लगा हो। वर्ष 2021 में भी एक लड़की ने उनके खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज कराया था, लेकिन तब कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
क्या मिलेगा आदिवासी परिवार को न्याय?
यह मामला कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अब सवाल यह है कि क्या इस बार एक आदिवासी मजदूर परिवार को न्याय मिलेगा, या फिर आरोपी की राजनीतिक पहुंच के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?