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Sidhi News: The body had to be carried from the hospital on shoulders, no vehicle was found
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Sidhi News: सरकारी व्यवस्था फिर बेनकाब, अस्पताल में शव वाहन खड़ा, चालक नदारद, परिजन तीन किमी कंधे पर ले गए शव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सीधी Published by: सीधी ब्यूरो Updated Thu, 20 Feb 2025 11:23 AM IST
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सीधी जिले से एक बार फिर इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आईं। यहां एक मृत युवक का शव परिजनों को मजबूरी में बांस-बल्ली के सहारे कंधे पर तीन किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ा। यह हृदयविदारक दृश्य सरकारी व्यवस्थाओं की असलियत को उजागर करता है।
ऊंची हवेली निवासी 22 वर्षीय छोटेलाल कोल लंबे समय से टीबी से पीड़ित था। बुधवार रात जिला अस्पताल में उसका निधन हो गया। रात करीब 11 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया। उसके बाद परिजनों ने शव वाहन की मांग की। अस्पताल प्रबंधन ने वाहन चालक का नंबर तो दे दिया, लेकिन जब रात एक बजे तक वाहन नहीं पहुंचा। मजबूर परिजनों ने खुद ही शव को कंधे पर रखकर घर तक पहुंचाने का फैसला किया।
अस्पताल में वाहन होते हुए भी नहीं मिली सुविधा
जिला अस्पताल में तीन शव वाहन उपलब्ध हैं, जिनमें से एक खराब है। दो चालू हालत में हैं। प्रशासन के अनुसार एक वाहन दिन में और दूसरा रात में शव ले जाने के लिए लगाया गया है। उस रात शव वाहन का चालक उपलब्ध नहीं था, जिससे यह दु:खद स्थिति उत्पन्न हुई।
अधिकारियों ने साधी चुप्पी
इस घटना पर सिविल सर्जन डॉ. दीपारानी इसरानी ने कहा कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। संभवतः चालक किसी और शव को लेकर गया होगा। इसलिए वाहन उपलब्ध नहीं हुआ। सवाल यह उठता है कि जब अस्पताल में शव वाहन मौजूद था तो फिर परिजनों को क्यों नहीं दिया गया? प्रशासन की इस लापरवाही ने न सिर्फ सरकारी व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि एक गरीब परिवार को अपने बेटे का शव कंधे पर उठाने को मजबूर कर दिया। यह कोई पहली घटना नहीं है, जब किसी गरीब को शव वाहन न मिलने पर इस तरह शव ले जाना पड़ा हो। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह इस संवेदनशील व्यवस्था में सुधार करे, ताकि किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा से न गुजरना पड़े।
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