सीधी जिले के अमिलिया स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में गुरुवार को एक चौंकाने वाली घटना ने छात्रावास की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। दोपहर तीन बजे वार्डन उर्मिला पटेल के दो साल के बेटे को छात्रा अंजू प्रजापति ने प्यार से गोद में लिया और गाल पर हाथ फेरा। बच्चा रोने लगा और इसी पर गुस्साई वार्डन ने अंजू को ताबड़तोड़ थप्पड़ मार दिए। मारपीट के कारण छात्रा मौके पर ही बेहोश हो गई।
घटना के बाद पूरे छात्रावास में हड़कंप मच गया। शिक्षक और अन्य छात्राओं की मदद से अंजू को तत्काल अमिलिया अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब दो घंटे बाद उसे होश आया। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन पहले से ही भोजन को लेकर की जा रही शिकायतों से नाराज़ थी। उनके अनुसार छात्रावास में केवल दाल, चावल, रोटी और आलू की सब्ज़ी परोसी जाती है और वार्डन शिकायत करने पर गुस्से में रहती हैं। इस पूरे मामले में छात्राओं का कहना है कि वे पहले भी वार्डन के व्यवहार को लेकर प्राचार्य और अधिकारियों से शिकायत कर चुकी हैं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
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वार्डन उर्मिला पटेल ने दी सफाई
मैं उस वक्त रिकॉर्ड सुधारने में व्यस्त थी। तभी देखा कि मेरा बेटा रो रहा है और उसके गाल पर लाल निशान था। गुस्से में मैंने अंजू को हल्का सा थप्पड़ मार दिया, लेकिन मुझे नहीं पता था कि वो बेहोश हो जाएगी। मेरा कोई बुरा इरादा नहीं था। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी।
तहसीलदार सिहावल परम सुख बंसल ने दी जानकारी
हमें सूचना मिलते ही हम मौके पर पहुंचे। छात्राओं से बात कर घटना की पुष्टि की गई है। वार्डन ने छात्रा को दो-तीन थप्पड़ मारे थे, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। हमने पंचनामा तैयार कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।