जिले में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त होती दिखाई दे रही है। गुंडे-बदमाशों के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हें अब पुलिस का कोई भय नहीं रह गया है। बीते दिनों टीकमगढ़ शहर के बाहर कोट मोहल्ले में एक युवक को बीच सड़क पर रोककर छह से अधिक लोगों ने बेरहमी से पीटा था। इस वारदात का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें हमलावर युवक पर ताबड़तोड़ हमला करते दिखाई दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, कोट मोहल्ला निवासी रजनेश बाल्मीक अपनी बाइक से घर लौट रहा था। तभी बदमाशों ने रास्ते में रोककर उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी। घटना के बाद घायल रजनेश ने कोतवाली टीकमगढ़ में मारपीट करने वाले आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट लिखवाने के बाद से ही आरोपियों ने उसे लगातार धमकाना शुरू कर दिया। जब भी रजनेश घर से बाहर निकलता, ये गुंडे उस पर हमला कर देते। परिजनों का कहना है कि तीन-चार बार इस तरह की घटनाएं हुईं और हर बार पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोतवाली पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
लगातार उत्पीड़न और मारपीट की घटनाओं के बाद रजनेश की हालत बिगड़ गई और इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मृतक के पिता मोहनलाल बाल्मीक का कहना है कि “20 अक्तूबर को बदमाशों ने घर में घुसकर रजनेश की पिटाई की थी। उसी दिन लगी चोटों के कारण मेरे बेटे की मौत हुई है।” परिजनों ने पुलिस पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है और कहा है कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती तो आज रजनेश जिंदा होता।
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वहीं, पुलिस ने मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया है और कोतवाली में मर्ग कायम किया गया है। टीकमगढ़ के एसडीओपी राहुल ने बताया कि “पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच पूरी की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर धाराओं का इजाफा किया जाएगा। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस घटना ने एक बार फिर टीकमगढ़ में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अपराधियों में पुलिस का डर खत्म हो गया है और आमजन में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। अब देखना यह है कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिखाई देने वाले हमलावरों पर कब और कैसी कार्रवाई करती है।