टीकमगढ़ जिले का बेरवार गांव आज पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गया है। कभी शराब की लत से जूझ रहे इस गांव को शराब मुक्त बनाने में सरपंच सुरेन्द्र सिंह दांगी को तीन साल की कड़ी मेहनत और संघर्ष करना पड़ा। अब गांव में न झगड़े होते हैं और न ही परिवार बिखरते हैं। यहां तक कि बच्चों की शिक्षा पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।
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गांव में पहले 5-6 स्थानों पर अवैध रूप से शराब बेची जाती थी। इस वजह से छोटे बच्चे तक नशे की गिरफ्त में आ रहे थे। सरपंच सुरेन्द्र सिंह दांगी ने गांव को इस बुराई से मुक्त करने का संकल्प लिया और लगातार पुलिस-प्रशासन के सहयोग से कार्रवाई कराई। सरपंच ने ग्राम पंचायत में मुनादी करवाई गई कि जो भी व्यक्ति अवैध रूप से शराब बेचने वालों की जानकारी देगा, उसे 1100 नगद इनाम दिया जाएगा। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद आगे आकर सूचनाएं देना शुरू कर दिया। पुलिस इन जानकारियों के आधार पर लगातार कार्रवाई करती रही और गांव से शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लग गई।
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ग्रामीणों ने बताया कि पहले शराब के कारण आए दिन झगड़े होते थे, बच्चों की पढ़ाई छूट रही थी, परिवार टूटने लगे थे। अब गांव में शांति है और लोग जागरूक होकर इस अभियान में सहभागी बने हैं। एसडीओपी अभिषेक गौतम ने इस पहल को प्रेरणादायक बताते हुए अन्य गांवों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया। उन्होंने सरपंच और ग्रामीणों के इस नवाचार की सराहना की। अब भी अगर कोई चोरी-छिपे शराब बेचने की कोशिश करता है, तो ग्रामीण इनाम की सूचना के तहत तुरंत सरपंच को जानकारी दे देते हैं, जिसके बाद आरोपी को पकड़ लिया जाता है।