टीकमगढ़ शहर में नाबालिग बच्चों के बीच ब्लैकमेलिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, तीन स्कूली नाबालिग छात्रों को कुछ अन्य छात्रों ने मिलकर ब्लैकमेल किया। पीड़ित बच्चों ने डर के कारण पहले किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन जब मामला बढ़ गया, तो उन्होंने अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी।
परिजन तुरंत पुलिस कोतवाली और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। परिजनों का आरोप है कि शिकायत के बाद भी पुलिस ने एक सप्ताह तक कोई कार्रवाई नहीं की। शुक्रवार शाम तक भी केस दर्ज न होने पर परिजन आक्रोशित हो गए और कोतवाली में हंगामा करने लगे। स्थिति बिगड़ती देख एएसपी विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग पीड़ितों के आवेदन के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए।
पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में मामला ब्लैकमेलिंग और धमकाने से जुड़ा लग रहा है। फिलहाल दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। वहीं, आरोपी पक्ष के परिजन भी कोतवाली पहुंचे और अपनी सफाई दी। उनका कहना है कि यह केवल ब्लैकमेलिंग नहीं, बल्कि आपसी विवाद का मामला है। उनका आरोप है कि पीड़ित पक्ष के बच्चों ने आरोपी की मोटरसाइकिल तोड़ दी थी, जिसके बाद आरोपी ने उनका मोबाइल फोन लिया, लेकिन बाद में लौटा दिया। उन्होंने बताया कि पुलिस के सामने ₹3000 भी वापस किए गए थे, लेकिन अब राजनीतिक दबाव में झूठा मामला दर्ज कराया जा रहा है।
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एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि दोनों पक्षों से प्राप्त आवेदनों के आधार पर दो प्रकरण दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी, निर्दोष पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। इस घटना से शहर में हलचल मच गई है। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, वहीं पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।