मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को जिले के निवाड़ी और बेरवार में आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बुंदेलखंड की वीरता की गाथाओं का उल्लेख करते हुए किसानों को आगामी केन बेतवा लिंक परियोजना से होने वाले लाभ के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री सबसे पहले निवाड़ी पहुंचे, जहां निवाड़ी कॉलेज के ग्राउंड में आयोजित किसान सम्मेलन में उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड की जमीन अब पंजाब और हरियाणा से भी आगे बढ़ेगी। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा 25 दिसंबर को केन बेतवा लिंक परियोजना के भूमि पूजन का जिक्र करते हुए किसानों को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, "बुंदेलखंड की ज़मीन अब खेतों में हरियाली और समृद्धि से भरने वाली है। पीएम मोदी का आगमन इस क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा।"
इसके बाद, मुख्यमंत्री टीकमगढ़ जिले के बेरवार गांव पहुंचे, जहां उन्होंने 120 विकास कार्यों का भूमि पूजन किया। इन कार्यों में कॉलेज भवन, सड़क निर्माण, और नगर पंचायत भवन शामिल हैं, जिनकी कुल लागत 105 करोड़ 63 लाख रुपये है। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "बुंदेलखंड वीरों की भूमि रही है, और अब यह क्षेत्र अपनी कृषि संभावनाओं के लिए मशहूर होगा। केन बेतवा परियोजना से यहां की कृषि पैदावार चार गुना बढ़ जाएगी।" उन्होंने ग्रामीणों से अपील की, "आने वाले समय में खेती यहां के भविष्य का अहम हिस्सा होगी, इसलिए आप लोग मकान बेच सकते हैं, लेकिन अपनी ज़मीन मत बेचना। यह आपकी संपत्ति है, जो आने वाले समय में आपको समृद्ध बनाएगी।"
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 25 दिसंबर को पीएम मोदी के खजुराहो आगमन के अवसर पर इस परियोजना का शुभारंभ किया जाएगा, और उन्होंने सभी लोगों से कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया। हालांकि, इस दौरान एक हल्की सी चूक भी हुई जब मुख्यमंत्री मंच पर टीकमगढ़ जिले के प्रभारी मंत्री का नाम भूल गए। उन्होंने मंत्री कृष्णा गौर के स्थान पर दिलीप अहिरवार का नाम ले लिया। इस घटना के बावजूद, मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया और खजुराहो के लिए रवाना हो गए।