मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में स्टार्टअप और उद्योग जगत के लिए यह सप्ताह अहम साबित हो रहा है। जर्मन बिजनेस डेलिगेशन भारत आया है। इसी क्रम में 20 अगस्त को प्रतिनिधिमंडल उज्जैन पहुंचा और यहां स्थानीय स्टार्टअप्स व औद्योगिक ढांचे का निरीक्षण करने के बाद निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। एमपीआईडीसी के अधिकारी राजेश राठौर ने आशा जताई है कि इस दौरे से स्थानीय उद्यमियों और एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय सहयोग मिलेगा।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स और जर्मन कंपनियों के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन साझेदारी स्थापित करना है। उज्जैन प्रवास के दौरान डेलिगेशन ने एमपीआईडीसी (मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम) कार्यालय का दौरा किया। विक्रम उद्योग नगरी का भ्रमण किया और आईटी पार्क व इनक्यूबेशन सेंटर की योजनाओं की जानकारी ली। एमपीआईडीसी उज्जैन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़ ने जर्मन प्रतिनिधियों के सामने उज्जैन की औद्योगिक तस्वीर और यहां के अवसरों का प्रेजेंटेशन दिया। इसमें औद्योगिक क्षेत्रों की उपलब्धता, आईटी पार्क, डीप टेक डाटा सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर और स्थानीय उद्यमों की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया।
डेलिगेशन ने उज्जैन में खासकर आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में गहरी दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने डीप टेक डाटा सेंटर और इनोवेशन हब में निवेश की इच्छा जताई। साथ ही स्थानीय स्टार्टअप्स के साथ भविष्य की साझेदारी पर भी चर्चा की। इस दौरे से स्पष्ट है कि उज्जैन में स्टार्टअप, निवेश, रोजगार और तकनीकी सहयोग की नई राहें खुल रही हैं। आने वाले समय में यह शहर न केवल धार्मिक महत्व के लिए, बल्कि औद्योगिक और तकनीकी विकास के लिए भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में जर्मनी के कई प्रमुख स्टार्टअप्स और कंपनियों के संस्थापक व सीईओ शामिल थे। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, वर्कफ़्लो ऑटोमेशन, साइबर सिक्योरिटी, बिग डेटा और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे क्षेत्रों में काम करने वाली कंपनियां भी शामिल थीं। इन कंपनियों ने उज्जैन को निवेश और सहयोग के लिए अनुकूल स्थान माना। कुछ कंपनियां यहां टेक सेंटर और ट्रेनिंग हब स्थापित करने की इच्छुक हैं। कुछ कंपनियां भारत में ऑपरेशनल पार्टनर खोज रही हैं, जबकि कई कंपनियां अपने रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर का विस्तार उज्जैन जैसे शहरों में करना चाहती हैं।
ये भी पढ़ें:
एक, चार और पांच साल के बच्चों को जहर खिलाया, फिर मां ने भी निगला, बच्ची की मौत, अन्य गंभीर; जानें मामला
उज्जैन को स्टार्टअप हब बनाने की तैयारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व और इच्छाशक्ति से इस उच्चस्तरीय दौरे से उज्जैन को नया आयाम मिलेगा। यहां के स्टार्टअप्स को न केवल नई तकनीकों तक पहुंच मिलेगी, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार और निवेश से भी जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। उज्जैन जैसे शहर, जो अब तक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में पहचाने जाते रहे हैं, आने वाले समय में स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी हब के रूप में भी अपनी पहचान स्थापित करेंगे।
साझेदारी केवल व्यापार तक नहीं
डेलिगेशन के साथ आए जीआईआईसी के फाउंडर और एग्जीक्यूटिव बोर्ड सदस्य उपेन बारवे ने संकेत दिए कि वे उज्जैन में आईटी पार्क, डेटा सेंटर और इनोवेशन हब से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर गंभीरता से काम करना चाहते हैं। वहीं जर्मन कॉन्सुल जनरल क्रिस्टोफ रेंडट्रॉफ ने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच यह साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य नवाचार और डिजिटलाइजेशन को नई दिशा देना है।
ये भी पढ़ें:
किसी का पैर, किसी का कंधा टूटा, 1000 घायल, दो नागपुर रेफर; लोगों ने एक-दूसरे पर जमकर फेंके पत्थर; तस्वीरें