मप्र के उज्जैन, इंदौर, देवास और आसपास के क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। पिछले कई दिनों से लगातार तेज बारिश होने से नदियां और नाले किनारे छोड़ चुके हैं। पानी अधिक होने की वजह से छोटी पुलिया, रपटे सहित कई जगहों पर रास्ते बंद कर दिए गए हैं। इसके बावजूद कुछ लोग अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती नदियों को पार करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा खाचरोद में देखने को मिला, जहां तेज बहाव में पुलिया पार करते समय एक कार बह गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह हादसा बागेड़ी नदी की पुलिया पार करते समय खाचरोद के समीप ग्राम नंदयासी में हुआ। ग्रामीणों ने कार चालक को बड़ी मुश्किल से बचाया। वीडियो में नदी में बहती कार के साथ चालक भी दिखाई दे रहा है।
ऐसे हुई घटना
दरअसल, ग्राम काज्याखेड़ी के रहने वाला कार चालक श्रीराम जाट को लोगों ने नंदयासी की पुलिया पर अधिक पानी होने के कारण पार जाने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना। उसने कार को आगे बढ़ा दिया, पुलिया पर आधा रास्ता तय करने के बाद कार अचानक बंद हो गई। श्रीराम कुछ समझ पाता, इसके पहले ही कार तेज बहाव में बह गई। कुछ दूर जाने के बाद कार एक जगह फंस गई, तब ग्रामीणों ने जैसे-तैसे चालक को सुरक्षित बाहर निकाला।
छोटा ब्रिज डूबा, घाटों पर सुरक्षा बढ़ाई
शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण उज्जैन-बड़नगर मार्ग स्थित छोटा ब्रिज पूरी तरह डूब गया है। एहतियातन पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया है। रामघाट पर नगर निगम, होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं को घाट से दूर रखा जा रहा है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
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खतरे के निशान से ऊपर मां शिप्रा
उज्जैन में हुई मूसलाधार बारिश के कारण इस वर्ष पहली बार शिप्रा नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया। लगातार बारिश से शहर के कई क्षेत्रों में जलजमाव हो गया, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन और अन्य विभाग अलर्ट पर हैं।
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12 दिनों से हो बारिश
मानसून आने के डेढ़ महीने बाद भी मालवा क्षेत्र सूखे की चपेट में था, लेकिन पिछले करीब 12 दिनों से हो रही हल्की बारिश के बाद उज्जैन, देवास और इंदौर में पहले रुक-रुक कर और फिर मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। इसके चलते शिप्रा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा और रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट पर स्थित सभी मंदिर जलमग्न हो गए। छोटा पुल डूब चुका है और दोपहर तक पानी बड़नगर रोड स्थित बड़े पुल पर खतरे के निशान तक पहुंच गया।