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Ujjain Mahakal: Mahakal adorned with the moon on his head, the procession will take place in the evening
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Ujjain Mahakal: अगहन मास का पहला सोमवार, मस्तक पर चन्द्रमा लगाकर सजे बाबा महाकाल, शाम को निकलेगी सवारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन Published by: उज्जैन ब्यूरो Updated Mon, 10 Nov 2025 07:51 AM IST
अगहन मास कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर आज सोमवार सुबह भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल के दरबार में हजारों श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस दौरान भक्तों ने देर रात से ही लाइन में लगकर अपने ईष्ट देव बाबा महाकाल के दर्शन किए। आज बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए सुबह 4 बजे जागे। जिन्होंने मस्तक पर चन्द्रमा लगाकर भस्म आरती में दर्शन दिए। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से भी गुंजायमान हो गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे अगहन माह के पहले सोमवार कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर आज सोमवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई। इस दौरान वीरभद्र जी से आज्ञा लेकर मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया गया। पूजन के दौरान प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। पुजारियों और पुरोहितों ने इस दौरान बाबा महाकाल का आकर्षक स्वरूप में श्रृंगार कर कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट के धारण कराया गया। जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल के शिवलिंग पर भस्म अर्पित की गई। आज के शृंगार की विशेषता यह थी कि आज बाबा महाकाल का भांग से शृंगारकर मस्तक पर चन्द्रमा लगाकर शृंगार किया गया। इन दिव्य दर्शनों का लाभ हजारों भक्तों ने लिया और जय श्री महाकाल का जयघोष भी किया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं।
आज सवारी में बाबा महाकाल देंगे चंद्रमौलेश्वर स्वरूप मे दर्शन
श्री महाकालेश्वर मंदिर से भगवान श्री महाकालेश्वर की कार्तिक-मार्गशीर्ष (अगहन) माह की तीसरी सवारी आज सोमवार 10 नवम्बर 2025 को सायं 4 बजे निकलेगी। सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित सभामंडप में भगवान श्री महाकालेश्वर के चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन किया जावेगा। पूजन उपरांत भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हॉल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी को मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी (गॉड ऑफ ऑनर) दिया जायेगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया की सवारी परंपरानुसार एवं पूर्ण गरिमामय तरीके से निकाली जाएगी। सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से महाकाल चोराहा, गुदरी चोराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंचेगी। वहां क्षिप्रा के जल से भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन उपरांत सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चैक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चोराहा छत्री चोक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार, होते हुए पुनःश्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी में आगे तोपची, कडाबीन, श्री महाकालेश्वर बैण्ड, पुलिस बैण्ड घुडसवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान नगर वासियों को बाबा के आगमन की सूचना देते चलेंगे।
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