जिले के बिरसिंहपुर पाली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। सोमवार शाम सड़क हादसे में मौत के बाद दो लोगों के शव अस्पताल लाए गए, लेकिन पोस्टमार्टम न होने के कारण घंटों तक जमीन पर पड़े रहे। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का यह नजारा देख लोगों में आक्रोश फैल गया।
जानकारी के अनुसार सोमवार शाम पाली एनएच-43 के मुढुलूहा टोला के पास हुए भीषण सड़क हादसे में ग्राम कुमुर्द निवासी सतीश सिंह और विकास बैगा की मौके पर ही मौत हो गई थी। हादसे में एक अन्य युवक चमन सिंह गंभीर रूप से घायल हुआ। दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन रात होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
आरोप है कि अस्पताल में शव रखने की उचित व्यवस्था नहीं थी, जिसके चलते दोनों शवों को जमीन पर ही रख दिया गया। घंटों तक शव अस्पताल के रैंप के पास पड़े रहे और स्टाफ ने कोई ध्यान नहीं दिया। जब एक स्थानीय समाजसेवी ने यह दृश्य देखा, तो उन्होंने सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण किया। वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया और आनन-फानन में अस्पताल प्रबंधन ने स्ट्रेचर की व्यवस्था की।
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मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक की मां कमलाबाई ने कहा कि इतने बड़े अस्पताल में शव रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। हमारे बच्चे की मौत हो गई और उसे जमीन पर फेंक दिया गया। क्या गरीबों की मौत का कोई मोल नहीं?
बीएमओ ने आरोपों को किया खारिज
इस संबंध में जब पाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ पुट्टूलाल सागर से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “शव जैसे ही अस्पताल पहुंचे, उन्हें अस्थायी रूप से नीचे रखा गया था। स्ट्रेचर मंगाने में कुछ समय लगा, लेकिन यह कहना गलत है कि शवों को घंटों यूं ही पड़ा रहने दिया गया। मीडिया वाले अपनी तरह से बातें बढ़ा-चढ़ाकर कह रहे हैं, जबकि हमने व्यवस्था तुरंत कर दी थी।