राजस्थान सरकार के जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने शनिवार को अलवर में पेयजल को लेकर समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने ईआरसीपी (अब रामसेतु जल योजना) को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के टेंडर हो चुके हैं, उन्हें 4 वर्षों में और बाकी कार्यों को 5 से 6 वर्षों में पूरा किया जाएगा। ऐसे में साफ है कि योजना के तहत राजस्थान और अलवर में पानी मौजूदा सरकार के कार्यकाल में नहीं, बल्कि अगली सरकार के दौरान ही आ सकेगा।
हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि बीसलपुर और ईसरदा बांध से संबंधित कार्य मौजूदा कार्यकाल के दौरान पूरे कर दिए जाएंगे और इनसे पानी पहुंचाने की प्रक्रिया इस सरकार में शुरू हो जाएगी।
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अलवर के मिनी सचिवालय में वन मंत्री संजय शर्मा और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित समीक्षा बैठक में जलदाय मंत्री ने जल संकट की स्थिति को लेकर अधिकारियों से फीडबैक लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ईआरसीपी योजना को लेकर एमओयू किया जा चुका है, डीपीआर तैयार हो चुकी है और 12,000 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए वर्क ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हम प्रयास करेंगे कि जिन कार्यों के टेंडर हो चुके हैं, उन्हें अगले 4 वर्षों में पूरा किया जाए, जबकि बाकी कार्यों को पूरा होने में 5-6 वर्षों का समय लगेगा।
जलदाय मंत्री ने पूर्व कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि कांग्रेस जल जीवन मिशन योजना का काम करती, तो सब बर्बाद हो जाता। कांग्रेस ने न तो सही सुपरविजन किया, न ही स्रोतों का विकास किया। बिना यह देखे कि नीचे पानी है या नहीं, लाइनें बिछा दी गईं। कई स्थानों पर लाइनें डाली ही नहीं गईं और भुगतान भी कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पिछले डेढ़ साल से इन कमियों को सुधारने में जुटी है। कई स्थानों पर गंभीर लापरवाही और घोटाले सामने आए हैं। हमने कई कर्मचारियों को निलंबित किया है, लेकिन विभाग खाली होने की स्थिति में आ गया है।
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अलवर में पानी की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि शहर को कुल 94 एमएलडी पानी की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में केवल 31 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो पा रही है। हाल ही में 9 एमएलडी की नई स्वीकृति से आपूर्ति 40 एमएलडी तक पहुंचेगी। आगे नए बोरवेल्स से 20 एमएलडी पानी और जोड़ा जाएगा, जिससे कुल आपूर्ति 60 एमएलडी हो जाएगी। शेष 30 एमएलडी पानी सिलीसेढ़ योजना के जरिए उपलब्ध कराने की योजना है।
इस समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला, जलदाय विभाग के अधिकारी, भाजपा से जुड़े वर्तमान एवं पूर्व विधायक और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।