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Alwar Engineer digitally arrested for three hours threatened of being in contact with terrorist organization
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Alwar: इंजीनियर तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट, आतंकी संगठन से संपर्क होने और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, अलवर Published by: अलवर ब्यूरो Updated Wed, 27 Nov 2024 08:18 PM IST
अलवर जिले के मनु मार्ग में रहने वाली एक युवा इंजीनियर को तीन घंटे डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। इस दौरान आरोपियों ने महिला को एक कमरे में बंद कर लिया और किसी से बातचीत नहीं करने के आदेश दिए। फोन करने वाले आरोपी ठग महिला को आतंकी संगठनों से संपर्क होने, उनसे फंडिंग मिलने और मनी लांड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देते रहे। साथ ही ईडी, सीबीआई जैसी बड़ी संस्थाओं का नाम लेकर पीड़िता को धमकाया गया।
इसी दौरान वहां पहुंचे इंजीनियर के पति को भी आरोपियों ने अपनी बातों में फंसा लिया और उनको भी करीब एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। इसी बीच जब पीड़िता की हालत खराब होने लगी तो वहां मौजूद उसके पति ने तुरंत फोन काट दिया और मामले की सूचना परिजनों व साइबर थाना पुलिस को दी।
अलवर के मनु मार्ग हाऊसिंग बोर्ड में रहने वाले फलित गुप्ता पेशे से व्यापारी हैं। उनकी पत्नी आर्शी गुरुग्राम की एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मंगलवार दोपहर करीब एक बजे आर्शी के पास फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को आरबीआई का अधिकारी बताते हुए उसको अपनी बातों में फंसाया और धीरे-धीरे उससे जानकारी निकालने लगा। उसने आर्शी का आधार कार्ड नंबर लिया। उसकी नौकरी और सैलरी के बारे में पूछताछ की। साथ ही परिवार के बारे में भी जानकारी ली। उसके बाद आर्शी को डिजिटल अरेस्ट करने की जानकारी दी। इस दौरान फोन करने वाले व्यक्ति ने कमरे का गेट बंद करने के लिए कहा और इस बारे में किसी को जानकारी नहीं देने के आदेश दिए। उसके बताए अनुसार आर्शी उनके आर्डर मानती रही व पूरी तरह से उनकी बातों में फंस गई।
उन्होंने हैदराबाद पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी व ईडी अधिकारियों बनकर फोन पर अलग-अलग लोगों से बात करवाई और उसके बाद वीडियो कॉल पर आर्शी को गवाही देने के लिए कहा। इस दौरान उन्होंने पीड़िता को अरेस्ट वारंट भेजा और अन्य दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर भेजें। यह देखकर पीड़िता उनकी बातों में फंस गई और उनके बताए अनुसार चलती रही।
इसी बीच वहां पहुंचे उनके पति को भी आरोपियों ने अपनी बातों में फंसा लिया और एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान आरोपी वीडियो कॉल पर आतंकी संगठनों से फंडिंग मिलने, आतंकी संगठनों के लिए काम करने, मनी लांड्रिंग केस में फंसाने सहित कई तरह की धमकियां देने लगे। यह सुनकर आर्शी की तबीयत खराब होने लगी और रोने लगी। ठगों की बात सुनकर वो सदमे में आ गई। यह देखकर उनके पति ने तुरंत फोन काट दिया।
उसके बाद पूरे मामले की सूचना उन्होंने अपने परिवार के लोगों को दी। परिवार के सदस्यों की सलाह के बाद उन्होंने मामले की जानकारी अलवर साइबर पुलिस को दी है। पीड़िता ने बताया कि वीडियो कॉल पर पुलिस थाने की फोटो और वीडियो नजर आ रही थी। फोन करने वाले लोग पुलिस की ड्रेस में दिख रहे थे। उनको धमकी दे रहे थे। उनके बेटे व पति को जान से मारने की धमकी दे रहे थे। साथ ही कई बड़े के शव में फंसने व बड़े आतंकी संगठनों का नाम लेकर उसमें फंसने की भी बात कह रहे थे। इस घटना को लेकर पीड़िता व उसके परिजन खासे डरे हुए हैं। पीड़िता सदमे में है, तो वही अब भी उनको अलग-अलग नंबरों से फोन आ रहे हैं। साथ ही इस पूरे डिजिटल अरेस्ट के दौरान ठगों ने उनको कई तरह के फर्जी दस्तावेज भी भेजें।
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